वसिन्द्र मिश्रा

जो काम कॉर्ल मार्क्स से लेकर दुनिया के तमाम समाजवादी – communist philosophers नहीं कर पाए उस काम को चीन के मौजूदा हुकूमत ने कर दिखाया है covid 19 के ज़रिए दुनिया में मौजूद ग़ैर बराबरी को एक ही झटके में समाप्त कर दिया है|

covid 19 के सामने आमिर ,ग़रीब, राजा, रैंक सब बराबर हैं यह महामारी सबको एक नज़र से देख रही है
धर्म के ठेकेदारों और देवी देवताओं के प्रति भी covid 19 का नज़रिया समता मूलक है|

चीन के राष्ट्रपति  ZI ZIN PING ने दुनिया के सम्पूर्ण मानव समाज को covid 19 के रूप में चमत्कारी तोहफ़ा दिया है
इस तोहफ़ा के माध्यम से उन्होंने एक बार फिर आस्तिक और नास्तिक के debate को ज़िंदा कर दिया है|

अब तय सम्पूर्ण मानव समाज को करना है कि…..

Rationality vs Superstition में कौन सा मार्ग बेहतर है|

जिस biological weapons of mass destruction का आरोप लगा कर अमेरिका ने इराक़ और वहाँ के president सद्दाम हुसैन को मारा था वही अमेरिका covid 19 के सामने ज़मीन पर लेटे हुए नज़र आ रहा है, चीन के real virus ने दुनिया के dictators, arrogant, god’s, goddesses और धर्म के ठेकेदारों के सामने जो चुनौती पेश की है उसका जवाब तो फ़िलहाल किसी के पास नहीं है|

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