Murder Axe
नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)।  महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक पिता ने इज़्ज़त के नाम पर अपनी ही बेटी का क़त्ल कर दिया। बेटी का कसूर सिर्फ इतना ही था कि उसने अपने बाप की गैर मर्जी से शादी की थी। पिता को ये बात इतनी नागवार गुज़री की उसने कुल्हाड़ी से अपनी बेटी के बीस टुकड़े कर डाले। घटना बुलढाणा के मलकपुर इलाके की है। इक्कीस साल की मनीष ने २६ मार्च को सत्ताईस साल के गणेश गजानन हिंगणे से एक मंदिर में शादी की थी। उसके बाद दोनों अपने परिवार से अलग मलकपुर इलाके में रहने लगे थे। शादी से नाराज़ मनीष के पिता ने कई बार आकर दोनों को धमकाया भी था, लेकिन गांव वालों के बीच बचाव के बाद मामला शांत लगने लगा था।
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पिता की नाराज़गी की वजह ये थी लड़की मनिषा हिंगणे जो धनगर समाज से आती और लड़का मराठा समाज का था। पिता के लिए ये मामला झूटी शान का बन गया था । उसे लगने लगा की बेटी की दूसरे समाज में शादी की वजह से काफी बादनामी होगी । कई बार उसने लड़के को लड़की से अलग होने के लिए भी कहा था। फिर भी वो नहीं मानें ।  मनीष के पिता की धमकियों के बाद लड़के गणेश ने कई बार थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। मगर पुलिस ने इस बीच कभी लड़की के पिता के खिलाफ कोई कार्येवाही नहीं की।
शादी के 15 दिन बाद जब गणेश के घर पर कोई नही था तो वो घर मे घुसकर धार धार हथियार से अपनी ही लड़की पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी पिता बेटी पर तब तक वार करता रहा जब तक उसकी सांसें ख़त्म नहीं हो गयी। उसने लकड़ी काटने वाले कुल्हाड़ी से बेटी के बीस्ट टुकड़े कर डाले और फिर जाकर थाने में आत्मसमपर्ण कर दिया। पुलिस हिरासत में उसे अपने किये पर ज़रा भी पछतावा नहीं है।
वही इस घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और गांव वाले पुलिस पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका आरोप है की वक़्त रहते अगर पिता के खिलाफ पुलिस कोई कार्येवाही करती तो साहयड आज ये घटना नहीं होती। लोग अब जल्लाद बाप को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे है.

वहीँ दूसरी तरफ  देश की तमाम राज्य समेत केंद्र सरकार भले की किसान हितैषी होने के लाख दावे करे, मगर हकीकत कुछ और ही है. केंद्र और राज्य में दोनों जगह एक ही पार्टी की सरकार होने के बाद भी महाराष्ट्र में किसानों के हालात में कोई सुधार नहीं है. उल्टा यहां तंगहाली से परेशान किसानों की आत्महत्या करने की घटनाएं कम होने के बजाए लगातार बढ़ रही हैं.

खुद महाराष्ट्र सरकार ने ये बात स्वीकारी है बीते दो वर्षो में आठ हज़ार से ज़्यादा किसानों और खेतिहर मजूदर आत्महत्या कर चुके हैं. इनमें से करीब नब्बे फीसदी किसान ऐसे हैं, जिन्होंने कर्ज न चुका पाने के चलते आत्महत्या की. विधानसभा में यह आंकड़ा सरकार ने सदन के पटल पर रखा है .

दूसरी तरफ कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इसी को मुद्दा को बनाकर सरकार को घेरने में जूटा है. वो संघर्ष यात्रा के ज़रिये किसानों के क़र्ज़ माफ़ी के नाम पर अपनी राजनीति करने में भी कोई कोर कसार नहीं छोड़ रहा है. विधानभवन परिसर में विपक्ष के नेता धरने पर बैठे और सरकार के खिलाफ कर रहें हैें नारेबाजी और किसानों को कर्जमाफी की मांग कर रहें हैं.

इसी बीच महाराष्ट्र में चंद्रपुर जिले के एक किसान ने खुदकुशी कर ली है . बताया जा रहा है कि यह किसान कर्ज के बोझ से परेशान था, इसलिए उन्होंने ज़हर पीकर जान दे दी. हैरान करने वाली बात ये है की इस किसान ने तब ख़ुदकुशी की जब खुद मुख्यमंत्री इलाके में सभा करने वाले थे. परिवार के मुताबिक़ इस किसान पर 1 लाख रुपये से ज्यादा का कृषि ऋण था.इससे पहले सतारा में दो सगे भाइयों क़र्ज़ के बोझ तले डाब कर ख़ुदकुशी कर ली थी. महज़ महीने भर के अंदर करीब 100 किसान मौत की बलिवेदी पर चढ़ चुके हैं

मध्य प्रदेश : दो साल के भीत 450 किसानों ने की आत्महत्या, सरकार ने किया स्वीकार

यूपी के बाद महाराष्ट्र में भी किसान कर्जमाफी की मांग जोरशोर से होने लगी है । विपक्ष का सदन के बाहर हंगामा जारी है। इन सबके बीच दबाव में आयी महाराष्ट्र सर्कार की तरफ से खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वित्त सचिव को यूपी कर्जमाफी का अध्यन कर कर्जमाफी के सन्दर्भ में रिपोर्ट तैयार करने कहा ।

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