भारतीय जनता पार्टी की आमदनी 1000 करोड़ से ज्यादा हो गई है. 81.8 फीसदी बढ़ोतरी के साथ सत्ताधारी पार्टी की आमदनी में 1034 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानि एडीआर ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 7 राष्ट्रीय पार्टियों ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए अपनी आमदनी घोषित की है. इन सभी की कुल आमदनी 1559 करोड़ रुपए है. इन सभी पार्टियों में से सबसे ज्यादा आमदनी भाजपा की है और उसके बाद कांग्रेस का नंबर है.

एक तरफ भाजपा की आमदनी में करीब 82 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं कांग्रेस की आमदनी में 14 फीसदी की कमी आई है. 2015-16 में भाजपा की आमदनी 570.86 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर 1034 करोड़ हो गई है, वहीं इस दौरान कांग्रेस की आमदनी 261.56 करोड़ रुपए थी, जो अब घटकर 225.36 करोड़ रुपए रह गई है. 7 प्रमुख दलों की कुल आमदनी में 66 फीसदी हिस्सा भाजपा का है.

इन सभी दलों की आमदनी का बड़ा स्त्रोत अनुदान, दान और व्यक्तिगत योगदान है और इनके जरिए भाजपा को सबसे ज्यादा पैसे मिले हैं. भाजपा ने बताया है कि अनुदान, दान और योगदान के जरिए उसे 997.12 करोड़ रुपए मिले हैं. यह वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान हुई कुल आमदनी का 96.41 फीसदी है. वहीं कांग्रेस को इस दौरान इन्हीं स्त्रोतों से 50.63 करोड़ रुपए मिले, उसकी कुल आमदनी का 51.32 फीसदी है.

एडीआर की रिपोर्ट में प्रमुख दलों के खर्चों का विवरण भी दिया गया है. इसके अनुसार, भाजपा ने वित्त वर्ष 2016-17 में चुनाव और प्रचार अभियानों पर 606.64 करोड़ रुपए और प्रशासनिक कामों पर 69.78 रुपए खर्च किए. इसी तरह कांग्रेस ने चुनाव संबंधी प्रचाार अभियानों पर 149.65 करोड़ रुपए और प्रशासकीय कामों में करीब 115.65 करोड़ रुपए खर्च किए. खर्च के मामले में इन दोनों दलों के बाद बसपा का नंबर आता है, जिसके चुनाव प्रचार में 40.97 करोड़ रुपए, सामान्य और प्रशासनिक कामों में 10.809 करोड़ रुपए खर्च हुए.

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