ओलांद का बयान एक तरफ बीजेपी पार्टी के लिये गले की फांस बन गया है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों के लिए यह एक अच्छा मुद्दा बन गया है. जिसे वे आगमी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भुनाने के लिए प्रयासरत है.

बता दें कि रविवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी और ओलांद के बीच जुगलबंदी की बात कही थी. जिसे लेकर कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने अरुण जेटली पर पलटवार करते हुए कहा कि, तो क्या फिर मोदी और अंबानी के बीच भी जुगलबंदी का दौर जारी है.

इसी बीच में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राफेल डील की पूरी जांच केग (नियंत्रण एवं महालेखा परिक्षक) ही करेगा. अब जांच के बाद वही बातएगा कि कांग्रेस के कार्यकाल में कितने की डील हुई थी, और बीजेपी के कार्यकाल में कितनी की डील हुई है. अब वही देखगा कि एनडीए सरकार की डील अच्छी थी या फिर यूपीए सरकार का समझौता.

गौरतलब है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान से सियासी गलीयारों में घमासान मचा हुआ है. एक तरफ जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीजेपी को लेकर गर्मजोशी के साथ हमलावर हैं, तो वहीं दूसरी तरफ केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सत्तारुढ सरकार के बचाव के लिए अथक प्रयासरत है.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभी तक इस मसले को लेकर कोई भी अधिकारिक बयान नहीं आया है. वे अनवरत देश के अन्य कामों में मशगूल हैं. जहां उन्होंने रविवार को झारखंड से केन्द्र की माहत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत की शुरुआत की तो वहीं दूसरी तरफ आज सिक्कम में उन्होंने राज्य के पहले हवाईअड्डे का शिलान्यास किया है.

 

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