भोपाल ब्यूरो : धर्मस्थलों पर सीमित संख्या में लोगों को आने जाने की इजाजत के आदेश वैसे एक सप्ताह पुराने हो चुके हैं। लेकिन प्रशासन ने इसके अमल के लिए अब सख्ती का रुख अपनाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जुमा की नमाज से पहले शहर भर में ऐलान कर मस्जिदों में भीड़ लगाने से रोका गया। नमाज़ से पहले और बाद में जगह जगह विडियो ग्राफी भी करवाई गई। इससे पहले शहर की अधिकांश मस्जिदों के ईमाम मुअज्जिन को थानों पर भी तलब कर सीमित संख्या में नमाजियों के प्रवेश की ताकीद की गई।
शुक्रवार को देर सुबह से पुराने शहर के विभिन्न हिस्सों में पुलिस की गाड़ियों से ऐलान होना शुरू हो गए थे। जिनमें शासन प्रशासन के नियमों का हवाला देते हुए मस्जिदों में सीमित संख्या में नमाज पढ़ने की ताकीद की जा रही थी। इसके बाद नमाज के बाद अलग अलग स्थानों पर मस्जिदों से निकलने वाले नमाजियों के वीडियो बनाने के मामले भी देखने को मिले। इस दौरान लोगों ने ऐशबाग इलाके में चारमीनार मस्जिद के बाहर नमाजियों का वीडियो बनाते हुए एक शख्स को लोगों ने पकड़ा। मोबाइल चेक करने पर उस व्यक्ति के मोबाइल से कई मस्जिदों के बाहर के वीडियो मिले। लोगों ने गुजारिश के साथ शहर का माहौल खराब करने से इस व्यक्ति को रोका और उसके मोबाइल से तमाम वीडियो डिलीट करवाए।

ईमाम मुअज्जिन हुए थाने पर तलब
इससे पहले गुरुवार रात को शहर के कई थानों ने संबंधित क्षेत्र की मस्जिदों के ईमाम मुअज्जिन को थाने पर तलब किया। इस दौरान इन मस्जिदों के कमेटी ओहदेदारों को भी बुलाया गया था। सभी ईमाम, मुअज्जिन और कमेटी ओहदेदारों को नमाज के दौरान महज पांच लोगों के जमा करने की ताकीद की गई। साथ ही इस बात की चेतावनी भी दी है कि नियमों के पालन में किसी तरह की कोताही किए जाने पर सभी संबंधित लोगों पर कार्यवाही की जाएगी।

ईमाम मुअज्जिन को थाने बुलाना गलत परम्परा : उलेमा बोर्ड
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी ने ईमाम मुअज्जिन को थाने पर तलब किए जाने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि ईमाम मुअज्जिन समाज के ब वकार लोग हैं, इनके लिए लोगों के दिल में खास एहतराम होता है। मस्जिद से संबंधित किसी भी मामले को संचालित करने के लिए प्रबंधन कमेटी गठित की गई हैं। Corona गाइडलाइन के पालन या अन्य किसी भी मामले के लिए इन कमेटियों से ही चर्चा की जाना चाहिए, न कि ईमाम मुअज्जिन को थानों पर बुलाकर उनके वकार को कम करने की कोशिश की जाए। काजी अनस ने कहा कि ईमाम साहेबान अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति समझते हैं और मस्जिद में आने वालों को हर दौर में समझाइश देते हैं। Corona को लेकर भी वे लगातार बयान और तकरीर कर रहे हैं। उलेमाओं ने वैक्सीनेशन करवा कर लोगों को इसके लिए जागरूक किया है। मुफ्ती साहब ने भी फतवे के जरिए वैक्सीनेशन की पैरवी की है। काजी अनस ने कहा कि उलेमा बोर्ड ईमाम मुअज्जिन के साथ अपनाए जा रहे प्रशासनिक रवैए को लेकर मुख्यमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को ज्ञापन सौंपेगा। वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करके उलेमाओं से अच्छे व्यवहार की गुजारिश की जाएगी।

इनका कहना
मस्जिदों की जिम्मेदारी और उनका लेखाजोखा मसाजिद कमेटी के पास होता है। कमेटी सभी मस्जिदों को समय समय पर मार्गदर्शन देती रहती है। Corona एहतियात को लेकर भी मस्जिदों को लिखा गया है। प्रशासन को अलग अलग मस्जिदों की कमेटियों या ईमाम मुअज्जिन से बात करने की बजाए सीधे मसजिद कमेटी से संपर्क करना चाहिए, ताकि सभी को जरूरी सूचनाएं पहुंचाई जा सकें, नियमों का पालन करने की ताकीद की जा सके।
यासिर अराफात,
प्रभारी सचिव, मसाजिद कमेटी

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