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नई दिल्ली : अभी हाल ही में एक सरकारी स्वच्छता सर्वे हुआ था जिसमें मध्यप्रदेश का इंदौर सबसे स्वच्छ शहर बना था वहीँ उत्तर प्रदेश का गोंडा सबसे आखिरी पायदान पर था. लेकिन अब एक और सरकारी सर्वे करवाया गया है जिसमें रेलवे स्टेशन की स्वच्छता को लेकर आंकड़े जुटाए गये थे. अब इस सर्वे के नतीजे आ चुके हैं जिसमें विशाखापट्टटनम को सबसे साफ सुथरा स्टेशन जबकि बिहार का दरभंगा रेलवे स्टेशन देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों में सबसे गंदा बताया गया हैै.

इस सर्वे में देश के 407 स्टेशनों की सफाई की जांच की गयी थी जिसमें विशाखापट्टटनम को स्वछता के मामले में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. इस सर्वे में सिकंदराबाद सफाई के मामले में दूसरे स्थान पर है. इस क्रम में नई दिल्ली को 39वां स्थान मिला है. हालांकि निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन को 23वां और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन को 24वां स्थान मिला. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की. सर्वेक्षण के अनुसार सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में जम्मू रेलवे स्टेशन को तीसरा स्थान मिला. भारतीय गुणवत्ता परिषद ने यह सर्वेक्षण कराया है.

स्वच्छता के मामले में रेलवे स्टेशनों को आंकने के लिए प्लेटफार्म पर स्वच्छ शौचालय, साफ ट्रैक और स्टेशनों पर कूड़ेदान कुछ मापदंड रहे. ‘स्वच्छ रेल’ अभियान के हिस्से के तौर पर रेल परिसरों की सफाई पर नजर रखने के लिए रेलवे द्वारा स्वच्छता पर कराया गया यह तीसरा सर्वेक्षण है.

इस सर्वे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को 14वें स्थान से संतोष करना पड़ा. यह सर्वेक्षण कुल 407 स्टेशनों के लिए किया गया था जिनमें से 74 ए-1 श्रेणी के हैं या सबसे व्यस्त स्टेशन हैं तथा 332 ए श्रेणी के हैं. ए श्रेणी में ब्यास रेलवे स्टेशन सबसे स्वच्छ रहा जबकि खम्माम दूसरे नंबर पर रहा. अहमदनगर स्टेशन तीसरे पायदान पर रहा.

ए-1 श्रेणी में दरभंगा रेलवे स्टेशन 75वें नंबर पर रहा जबकि जोगबानी ए श्रेणी में सबसे गंदा स्टेशन रहा. रेलवे के करीब 8,000 स्टेशन सालाना यात्री राजस्व के आधार पर सात श्रेणियों – ए1, ए, बी, सी, डी, ई और एफ में विभाजित हैं. जिन स्टेशनों का यात्री राजस्व एक साल में 50 करोड़ रपये से ज्यादा हैं वे ए-1 श्रेणी में आते हैं. ए श्रेणी वाले स्टेशनों का सालाना यात्री राजस्व छह करोड़ से 50 करोड़ रपये के बीच है. सभी उपनगरीय स्टेशन सी श्रेणी के हैं जबकि जिन स्टेशनों पर ट्रेन रूकती है वे सभी एफ श्रेणी के हैं. रेलवे अब स्वच्छता को लेकर 200 ट्रेनों का सर्वेक्षण कराएगा.

अभी हाल ही में एक सरकारी स्वच्छता सर्वे हुआ था जिसमें मध्यप्रदेश का इंदौर सबसे स्वच्छ शहर बना था वहीँ उत्तर प्रदेश का गोंडा सबसे आखिरी पायदान पर था. लेकिन अब एक और सरकारी सर्वे करवाया गया है जिसमें रेलवे स्टेशन की स्वच्छता को लेकर आंकड़े जुटाए गये थे. अब इस सर्वे के नतीजे आ चुके हैं जिसमें विशाखापट्टटनम को सबसे साफ सुथरा स्टेशन जबकि बिहार का दरभंगा रेलवे स्टेशन देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों में सबसे गंदा बताया गया हैै.

इस सर्वे में देश के 407 स्टेशनों की सफाई की जांच की गयी थी जिसमें विशाखापट्टटनम को स्वछता के मामले में पहला स्थान प्राप्त हुआ है. इस सर्वे में सिकंदराबाद सफाई के मामले में दूसरे स्थान पर है. इस क्रम में नई दिल्ली को 39वां स्थान मिला है. हालांकि निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन को 23वां और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन को 24वां स्थान मिला. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की. सर्वेक्षण के अनुसार सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में जम्मू रेलवे स्टेशन को तीसरा स्थान मिला. भारतीय गुणवत्ता परिषद ने यह सर्वेक्षण कराया है.

स्वच्छता के मामले में रेलवे स्टेशनों को आंकने के लिए प्लेटफार्म पर स्वच्छ शौचालय, साफ ट्रैक और स्टेशनों पर कूड़ेदान कुछ मापदंड रहे. ‘स्वच्छ रेल’ अभियान के हिस्से के तौर पर रेल परिसरों की सफाई पर नजर रखने के लिए रेलवे द्वारा स्वच्छता पर कराया गया यह तीसरा सर्वेक्षण है.

इस सर्वे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को 14वें स्थान से संतोष करना पड़ा. यह सर्वेक्षण कुल 407 स्टेशनों के लिए किया गया था जिनमें से 74 ए-1 श्रेणी के हैं या सबसे व्यस्त स्टेशन हैं तथा 332 ए श्रेणी के हैं. ए श्रेणी में ब्यास रेलवे स्टेशन सबसे स्वच्छ रहा जबकि खम्माम दूसरे नंबर पर रहा. अहमदनगर स्टेशन तीसरे पायदान पर रहा.

ए-1 श्रेणी में दरभंगा रेलवे स्टेशन 75वें नंबर पर रहा जबकि जोगबानी ए श्रेणी में सबसे गंदा स्टेशन रहा. रेलवे के करीब 8,000 स्टेशन सालाना यात्री राजस्व के आधार पर सात श्रेणियों – ए1, ए, बी, सी, डी, ई और एफ में विभाजित हैं. जिन स्टेशनों का यात्री राजस्व एक साल में 50 करोड़ रपये से ज्यादा हैं वे ए-1 श्रेणी में आते हैं. ए श्रेणी वाले स्टेशनों का सालाना यात्री राजस्व छह करोड़ से 50 करोड़ रपये के बीच है. सभी उपनगरीय स्टेशन सी श्रेणी के हैं जबकि जिन स्टेशनों पर ट्रेन रूकती है वे सभी एफ श्रेणी के हैं. रेलवे अब स्वच्छता को लेकर 200 ट्रेनों का सर्वेक्षण कराएगा.

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