भोपाल। मानसूनी बारिश की शुरुआत के साथ खुली नगर निगम की नींद… और आनन फानन में सब कुछ काबू पा लेने की सनक। बरसों से जर्जरता का दंश झेल रहे शहर के सैंकड़ों खतरनाक मकानों को धराशाई करने की तुगलकी योजना तैयार हो चुकी है। सैंकड़ों मकानों में सिर छिपाए बैठीं हजारों जिंदगियों के रहने की वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी, इस पर निगम में कोई चर्चा नहीं है।

जानकारी के मुताबिक नगर निगम, भोपाल ने शहर के सैकड़ों जर्जर मकानों को हटाने की योजना बनाई है। ऐसे चिन्हित मकानों को बारिश से पहले हटाने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी किए हैं। शहर भर के ऐसे मकानों में सबसे बड़ी संख्या ऐशबाग क्षेत्र स्थित जनता कालोनी के जर्जर मकानों की है। सूत्रों का कहना है कि यहां मौजूद करीब 600 मकानों को हटाने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी किए हैं। इस नोटिस के असर में यहां बसने वाले करीब 3 हजार लोगों के सामने संकट के हालात बन गए हैं। ऐन बारिश के समय में मिलने वाले बेदखली के आदेश और इन परिवारों के रहने की वैकल्पिक व्यवस्था न होने से मुश्किल गहरा गई है।

शहर में मौजूद कई खतरे
राजधानी के पुराने इलाके में कई पुरानी और जर्जर इमारतें मोजूद हैं। जो उसमें रहने वाले लोगों के अलावा आसपास निवास करने वालों और इनके साए से गुजरने वालों के लिए भी खतरा बनी हुई हैं। नगर निगम हर साल बारिश के पहले ऐसे जर्जर मकानों को नोटिस जारी करता है। नियमानुसार इनको मकान मालिक से स्वयं हटाने के लिए कहा जाता है। लोगों के अधिक खतरे वाले मकान को निगम अपने अमले से भी हटवाता है लेकिन इसके लिए मालिक मकान को निगम को खर्च की राशि अदा करना पड़ती है।

रहवासी बोले
ऐन बारिश के पहले मकान खाली करने की नगर निगम की सनक सैंकड़ों लोगों के मुश्किल खड़ी करने वाली है। पूर्व तैयारी और वैकल्पिक व्यवस्था के साथ इसको अंजाम दिया जाना चाहिए।
मोहम्मद जावेद, क्षेत्रीय निवासी

बरसों पुराने इन मकानों से खतरा जरूर है लेकिन अचानक आए इस फरमान से कई लोगों झटका लगने वाला है। इससे कई लोगों की जिंदगी खतरे में भी पड़ सकता है।
सैयद फैज अली, सामाजिक कार्यकर्ता

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