भोपाल। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की रेत माफियाओं को दी जाने वाली चुनौती भ्रष्ट अफसरों की झोली में आते ही कहीं दुबककर रह जाती है। भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे खनिज अधिकारी लगातार अपने आला अधिकारियों को झूठी निरीक्षण रिपोर्ट पेश कर माफियाओं को खुला संरक्षण दे रहे हैं। हद ये है कि इस मामले में वे सीएम के सामने भी झूठ बोलने में कोताही नहीं बरत रहे हैं।

 

धार जिले के नर्मदा पट्टी पर स्थित ग्रामों में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर हो रहे रेत के अवैध खनन को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर 03 अप्रैल 2021 को एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। विभागीय निरीक्षक ने इस शिकायत पर जांच करने के बाद जवाब प्रस्तुत किया कि क्षेत्र में कहीं भी अवैध खनन नहीं पाया गया। इस आधार पर शिकायत को बंद कर दिया गया। शिकायतकर्ता ने 18 मई को इस बारे में पुन: शिकायत दर्ज कराई और अवैध उत्खनन के स्थानों को भी चिन्हित किया। लेकिन इस बार भी जिला खनिज अधिकारी एमएस खतोडिय़ा और खनिज निरीक्षक जगन सिंह भिंडे ने अवैध खनन होने की बात को नकार दिया। 21 मई को ये शिकायत भी बंद कर दी गई।

फिर उजागर हुआ बड़ा खनन
लगातार शिकायतों को झूठा करार देते अधिकारियों की कलई उस समय खुल गई, जब नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेघा पाटकर और विधायक डॉ हिरललाल अलावा ने अपनी टीम के साथ मनावर, धरमपुरी और कुक्षी तहसील की नर्मदा पट्टी पर हो रहे अवैध खनन पर छापामार कार्यवाही की। हालांकि इस दौरान भी जिला खनिज अधिकारी और उनका अमला लगातार रेत माफियाओं को बचाने में ही लगा दिखाई दिया।

अफसर-माफिया गठजोड़
प्रभारी जिला खनिज अधिकारी एमएस खतोडिय़ा लंबे समय से क्षेत्र में अवैध खनन कर रहे ठेकेदार शिवा कॉरपोरेशन को उनके अवैध कामों में सहयोग कर रहे हैं। पूरे धार जिले का ठेका देते समय शिवा कॉरपोरेशन को इस बारे में स्पष्ट ताकीद की गई थी कि वे जिले की नर्मदा पट्टी और ग्रीन बेल्ट से रेत खुदाई नहीं करेंगे। जबकि शिवा कॉरपोरेशन द्वारा सबसे ज्यादा खनन धरमपुरी, मनावर और कुक्षी तहसील में स्थित नर्मदा पट्टी से ही की जा रही है। सूत्रों का कहना है शिवा कॉरपोरेशन द्वारा इन क्षेत्रों में रेत खुदाई करने वाले छोटे ठेकेदारों से भी अवैध चौथ वसूली भी की जा रही है।

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