सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने की याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को चुनाव आयोग को नोटिस भेजा। साथ ही कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 मई की तारीख तय कर दी।
यह याचिका कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की ओर से दायर की गई है। सुष्मिता देव ने अपनी याचिका में कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता संबंधी उल्लंघन के बावजूद चुनाव आयोग ने उनके खिलाप कोई कदम नहीं उठाया है।
सुष्मिता देव अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं। देव ने अपनी याचिका में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ शिकायतों पर निर्वाचन आयोग की कथित निष्क्रियता को ‘पक्षपात’ का लक्षण और मनमाना बताया था।
सुष्मिता देव ने आरोप लगाया है कि आम चुनाव की घोषणा होने की तारीख 10 मार्च से ही पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष ने विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों और राज्यों में जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों और चुनाव कराने के नियमों तथा प्रक्रिया का उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये जगजाहिर है कि वे नफरत फैलाने वाले भाषण दे रहे हैं, निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट प्रतिबंध के बावजूद राजनीतिक प्रचार के लिये सशस्त्र बलों का बार बार जिक्र कर रहे हैं।
देव ने अपनी याचिका में मोदी और शाह द्वारा अपनी सभाओं में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन की अनेक घटनाओं को सूचीबद्ध किया है और कहा कि मोदी ने एक अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में अपने भाषण में पहली बार संहिता का उल्लंघन किया था जहां उन्होंने कथित रूप से भगवा आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का मुद्दा भी उठाया था।
Adv from Sponsors