भोपाल। नवाबों, झीलों और खूबसूरत वादियों के शहर भोपाल की एक अलग संस्कृति, अदब और तहजीब है। जो यहां आया, यहीं का होकर रह गया। यहां का रहन सहन, लोगों का अपनापन और आपसी सौहार्द के किस्से इस शहर को बाकी दुनिया से अलग साबित करती है।

भोपाल की सियासी, सामाजिक और सांस्कृतिक दशा को दर्शाती पुस्तक तहजीब का विमोचन रविवार को होगा। डॉ मेहताब आलम द्वारा लिखित इस पुस्तक में शहर के पिछले और वर्तमान परिदृश्य को मनोरंजक तरीके से उकेरा गया है। भोपाल की तहजीब पर किसी पुस्तक का लिखा जाना ज्यादा कमाल उस समय माना जाना चाहिए, जब इसकी रचना करने वाला व्यक्ति मूल रूप से इस शहर का न होकर बाहरी हो। पेशे से पत्रकार डॉ मेहताब आलम का मूल वतन यूपी है। करीब दो दशक से इस शहर से ताल्लुक रखते हुए उन्होंने यहां की तहजीब का जो आंकलन किया है, वह एक किताब की शक्ल में सामने रख दिया है।

पुस्तक तहजीब का विमोचन रविवार को दोपहर दो बजे कोह फिज़ा स्थित मेजबान शादी हॉल में होगा। कार्यक्रम के मेहमानों के तौर पर रिलायंस ग्रुप के फरहान अंसारी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के विशेष अतिथि रिलायबल ग्रुप के अब्दुल ताहिर करेंगे। जबकि अध्यक्षता मशहूर शायर मंजर भोपाली करेंगे। पुस्तक और इसके लेखक को लेकर रशीद अंजुम, ज़िया फारूकी और डॉ जफर हसन अपने विचार व्यक्त करेंगे। कार्यक्रम के दौरान एक मुशायरा भी आयोजित किया जाएगा। जिसमें जफर सेहबाई, डॉ अंजुम बाराबंकवी, विजय तिवारी, डॉ आजम, डॉ परवीन कैफ, काजी मालिक नवेद, बद्र वा आदि शायर अपना कलाम पेश करेंगे। स्वतंत्रता के 75 बरस होने पर देशभर में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के तहत होने वाला ये कार्यक्रम कोविड गाइडलाइन के साथ आयोजित किया जाएगा।

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