पंजाब कांग्रेस में भारी उथल-पुथल के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज विधायक दल की सांय 5 बजे होने वाली बैठक से पहले करीब साढ़े चार बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया हैं। कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांगा था।

कैप्टन को विधायक दल की बैठक में शामिल होने से मना किया गया था, जिसके बाद कैप्टन अमरिंदर ने अपने पूरे कैबिनेट के साथ राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। अब ये सवाल है कि कैप्टन के बदले नया मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। मुख्यमंत्री की दौड़ में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का नाम सामने आ रहा है। कांग्रेस हाईकमान ने जाखड़ को दिल्ली पहुंचने के लिए कहा है। इस बीच कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत व प्रयवेक्षक अजय माकन व हरीश चौधरी चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं।

इसी साल अप्रैल में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कोटकपूरा फायरिंग मामले की जांच कर रही एसआईटी को रद्द कर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इस एक फैसले ने पंजाब कांग्रेस में कलह की नींव रखी। जो अब अपने चरम पर पहुंच गई है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तल्खी इस कदर बढ़ी कि पार्टी दो फाड़ हो चुकी है और कैप्टन को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। अभी तक कैप्टन और सिद्धू के मामले में आलाकमान समझौते के मूड में था लेकिन अब बात आर-पार की हो गई। इसी सिलसिले में शनिवार को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। हालांकि अचानक बैठक बुलाए जाने से कैप्टन नाराज थे और उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। फ्यूचर पॉलिटिक्स हमेशा एक विकल्प होती है और जब मुझे मौका मिलेगा मैं उसका इस्तेमाल करूंगा। मैं कांग्रेस पार्टी में हूं और अपने साथियों से बात करूंगा। उसके बाद हम आगे की राजनीति के बारे में निर्णय लेंगे। ये उनकी मर्जी़ है जिसको मर्ज़ी हो मुख्यमंत्री बनाएं।”

 

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