पटना: जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह इन दिनों सूबे के मुखिया नीतीश कुमार से कुछ खफा -खफा सा दिख रहे हैं। बांका के एक कार्यकर्म में नरेंद्र सिंह ने तो वैसे किसी का नाम नहीं लिया पर इशारों ही इशारों में उन्होंने नीतीश कुमार को अपने लपेटे में ले लिया। बांका में नरेंद्र सिंह ने कहा कि आज कुछ लोग जार्ज साहब के निधन पर आंसू बहा रहे हैं लेकिन पिछले पांच सालों से जार्ज साहब का हाल चाल लेने कोई नहीं पहुंचा।

उन्होंने कहा कि जार्ज साहब ने जिन्हें जीरो से हीरो बनाया उन लोगों ने उन्हें भूला दिया और आज उनके निधन के बाद आंसू बहा रहे हैं। बांका में नरेंद्र सिंह के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। नरेंद्र सिंह बांका से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं इस ख्वाहिश को उन्होंने किसी से छिपाया भी नहीं है। हां उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने की इच्छा है पर इसके लिए व्याकूल नहीं हूं। एनडीए का शीर्ष नेतृत्व का आदेश होगा तो मैं इस चुनौती को स्वीकार करने से पीछे नहीं हटूंगा।

नरेंद्र सिंह ने बांका के अलावा काराकाट और आरा का विकल्प भी खुला रखा है। लेकिन लगता है कि कोई ठोस आश्वासन अभी तक उन्हें नहीं मिला है। बांका में उनके दिए गए बयान को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि नरेंद्र सिंह को अगर एनडीए अपना प्रत्याशी बनाता है तो कई लोकसभा क्षेत्रों में इसका फायदा नजर आऐगा।

इधर भाजपा की पुतुल सिंह ने भी ऐलान कर रखा है कि वह बांका से ही चुनाव लड़ेगीं। अब देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और भाजपा के नेता बांका के इस जंग को कैसे हैंडिल करते हैं क्योंकि अगर नरेंद्र सिंह चुप बैठ गए तो अंग क्षेत्र के कई लोकसभा सीटों पर एनडीए को चुनावी झटका लगना तय है।

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