लखनऊ: ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने सोमवार को जारी बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता और राम मंदिर के मुद्दे को शामिल किये जाने पर तंज किया है.

जिलानी ने कहा कि बीजेपी ने अपने आका संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को यह दिखाने के लिये कि वह हिन्दुत्व के मुद्दे पर कायम है, समान नागरिक संहिता और मंदिर मुद्दे को घोषणापत्र में शामिल किया है. सचाई यह है यह महज चुनावी जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है.

उन्होंने कहा कि केन्द्र की मौजूदा बीजेपी सरकार ने वर्ष 2017 में खुद विधि आयोग को देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की सम्भावनाओं का आकलन करने को कहा था. आयोग ने पड़ताल के बाद सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा था कि देश में फिलहाल 10-15 साल तक ऐसी कोई संहिता लागू नहीं की जा सकती. इसके बावजूद बीजेपी आखिर किस तरह इस मुद्दे को अपने घोषणापत्र में शामिल कर रही है.

उन्होंने कहा कि यही हाल राम मंदिर से जुड़े वादे का भी है. दरअसल समान नागरिक संहिता और राम मंदिर से जुड़े वादे भी चुनावी जुमले से ज्यादा कुछ नहीं हैं.

जिलानी ने कहा कि बोर्ड हमेशा से समान नागरिक संहिता के खिलाफ है. यह संहिता देश के संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है और सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि विविधताओं से भरे इस देश में अलग-अलग परम्पराएं मानने वाले छोटे-छोटे तबके भी इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.

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