सत्तारूढ़ दल और केंद्र सरकार यानी BJP और घटक दल अपने रुतबे का दुरुपयोग मनमाने ढंग से करते हुए आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उनके ऐसे मनमाने कामकाज से साफ है कि चुनाव आयोग के प्रति भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है. ये बात देश के ६६ पूर्व नौकरशाहों की ओर से लिखे पत्र में कही गयी है. ये पत्र राष्ट्रपति को लिखा गया है.
जहां एक ओर लोकसभा चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है तो दूसरी ओर चुनावी आचार संहिता का जमकर उल्लंघन भी किया जा रहा है. चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए चुनाव आयोग पर निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन इस बीच देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के साथ ही आचार संहिता के पालन के प्रति चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने गहरी चिंता जताई और इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खत भी लिखा है.
66 पूर्व नौकरशाहों ने देश में लागू आचार संहिता के पालन के प्रति चुनाव आयोग की भूमिका को कठघरे में रखा है. चुनाव आयोग की शिकायत करते हुए नौकरशाहों ने अपने पत्र में ‘ऑपरेशन शक्ति’ के दौरान एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल में मोदी सरकार का महिमामंडन, टीवी सीरियल्स में मोदी सरकार की योजनाओं को दिखाना और बीजेपी के कई नेताओं के आपत्तिजनक भाषणों का जिक्र भी किया गया है. जिन पर चुनाव आयोग को की गई शिकायत के बावजूद महज दिखावे की ही कार्रवाई हुई.
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