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नागरिकता कानून संशोधन विधेयक और राफेल सहित अन्‍य मुद्दों के बीच मोदी कैबिनेट ने बुधवार को असम सहित पूर्वोत्‍तर से जुड़े कई अहम फैसले लिए. इसमें सबसे अहम असम समझौते को ठीक ढंग से लागू करना और बोडो समुदाय के लिए कई महत्‍वपूर्ण निर्णय शामिल हैं. बैठक में तय किया गया है कि असम समझौते के अनुच्‍छेद 6 के क्रियान्‍वयन और बोडो समुदाय से संबंधित मुद्दों के लिए एक उच्‍चस्‍तरीय समिति गठित की जाएगी. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पत्रकारों को इसके बारे में विस्‍तार से बताया. उन्‍होंने बताया कि मोदी सरकार ने असम समझौते को ठीक ढंग से लागू करने का फैसला लिया है. इस बारे में राज्‍य के सभी संबंधित पक्षों से बात की जाएगी. कैबिनेट ने उच्‍चस्‍तरीय समिति गठित करने का फैसला भी लिया है. समिति असम समझौते के अनुच्‍छेद 6 को लागू करने और उसके असर की समीक्षा करेंगी.

गौरतलब है कि तत्‍कालीन राजीव गांधी सरकार के समय 15 अगस्‍त, 1985 को छह साल लंबे असम आंदोलन के बाद असम समझौता हुआ था. इसका छठा अनुच्‍छेद असमिया लोगों के सांस्‍कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत को सुरक्षित, संरक्षित और संवर्द्धित करने के लिए उपयुक्‍त संवैधानिक, वैधानिक और प्रशानिक रक्षा कवच मुहैया कराने की बात करता है. गृह मंत्री ने अफसोस जताया कि इस बीच सरकारों ने इसे लागू करने के समुचित उपाय नहीं किए. समझौते में प्रमुख बात थी कि वर्ष 1961 से 1971 के बीच असम आने वालों को नागरिकता और अन्‍य अधिकार दिए जाएंगे मगर वोट देने का अधिकार नहीं होगा. असम को विशेष आर्थिक पैकेज देने की भी बात समझौते में थी. यह भी था कि वर्ष 1971 के बाद असम आने वाले लोगों को घुसपैठिया मानकर बाहर लौटाया जाएगा.

गृह मंत्री ने बताया कि सरकार ने बोडो समुदाय से संबंधित लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भी कई कदम उठाने और उनके प्रभावी क्रियान्‍वयन का निर्णय लेते हुए उसके लिए एक उच्‍चसतरीय समिति का गठन किया है. समिति इस समझौते के अनुच्‍छेद 6 की पूरी तरह समीक्षा करेगी और अपनी सिफारिशें देगी. समिति के स्‍वरूप और उसकी सेवा शर्तों के बारे में जानकारी जल्‍द जारी कर दी जाएगी. समिति में असम के लोगों का भी प्रतिनिधित्‍व होगा. समिति भी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा के बाद असम विधानासभा और स्‍थानीय निकायों में असमिया लोगों के लिए आवश्‍यकता के अनुसार सीटों के आरक्षण की समीक्षा करेगी. इसी के साथ वह असमिया और राज्‍य की अन्‍य मूल भाषाओं के संरक्षण के उपायों और सरकारी नौकरियों में असमिया लोगों को आरक्षण की आवश्‍यकता का आकलन भी करेगी.

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