masood-azharमौलाना मसूद अज़हर को यूएन से आतंकी घोषित करवाने की भारत की कोशिशों को चीन हमेशा से नाकाम करता आया है. इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 सदस्य देश भारत के साथ हैं, इकलौता चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर के मसूद अजहर को बचा रहा है. लेकिन चीन के एक पूर्व राजनयिक ने मसूद अजहर को लेकर चीन के रुख पर सवाल उठाया है. चीन के पूर्व राजनयिक माओ सिवे ने कहा है कि चीन को मसूद अजहर पर अपने मत को बदलना चाहिए. सिवे भारत में चीनी राजनयिक रह चुके हैं.

सिवे ने अपने एक ब्लॉग में लिखा है कि मसूद अजहर को यूएन से आतंकी घोषित करने में चीन के अड़ंगे से भारत-चीन संबंध प्रभावित हो रहे हैं. चीन को चाहिए कि वह मसूद के खिलाफ भारत की शिकायत का फायदा उठाए. उन्होंने आगे लिखा है कि पठानकोट हमले के सबूतों के आधार पर चीन को यूएन में अजहर पर लिए जा रहे अपने स्टैंड पर विचार करना चाहिए और इसे सुधारना चाहिए. अगर सवाल ये है कि क्या अजहर आतंकवादी है? तो इसका सीधा उत्तर है हां.

Read Also: शर्मनाक : 80 साल की बुजुर्ग महिला के गुप्तांग में डाली बोतल

मौलाना मसूद अज़हर वही आतंकवादी है, जिसे आतंकी मौलाना मसूद अज़हर संसद हमले, पठानकोट एयरबेस और उरी आर्मी कैंप हमलों सहति कई दूसरे आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है. पहले यह भारत की जेल में बंद था लेकिन 1999 में हाईजैक किए गए इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के बदले में इसे छोड़ा गया था. गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल 31 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अज़हर को आतंकी घोषित कराने अपील की थी. लेकिन चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अज़हर को आतंकी घोषित होने से बचा लिया था.

30 दिसंबर को भारत ने दोबारा कोशिश की लेकिन चीन ने फिर अपने वीटो का इस्तेमाल कर अड़ंगा डाल दिया. इसके बाद भारत ने चीन पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में चीन पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया. इसके बाद भारत ने चीन पर आतंक के मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. लेकिन भारत के आरोपों पर सफाई देते चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्त गैंग शुआंग ने 5 जनवरी को कहा, यूएन सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर पर दोहरे रवैया अपनाने का आरोप सही नहीं है. हमने कुछ पुख्ता सबूतों के आधार पर यह फैसला किया है.

 

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here