बॉलीवुड एक्टर और बीजेपी के पूर्व सांसद स्वर्गीय विनोद खन्ना की सीट गुरदासपुर से सनी देओल को बीजेपी ने अपना कैंडिडेट बनाया है। लेकिन BJP के इस फैसले ने खन्ना परिवार को आहात कर दिया। स्वर्गीय विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना चाहती थी की ये सीट या तो उन्हें मिले, या उनके ही परिवार से अक्षय खन्ना को बीजेपी अपना उम्मीदवार बनाये, क्यूंकि ये सीट हमेशा से विनोद खन्ना की रही है। लेकिन पार्टी ने उनकी एक नहीं सुनी। लेकिन कविता खन्ना ने अब बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है।

विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना गुरदासपुर से सनी देओल को बीजेपी का टिकट दिए जाने से नाराज हैं। कविता ने बुधवार को कहा कि वो खुद को ‘ठगा’ हुआ महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वो बदली परिस्थिति में यहां से निर्दलीय ही चुनाव लड़ने सहित अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहीं हैं।

कविता खन्ना ने बुधवार को कहा, ” ‘मैं छला हुआ महसूस कर रही हूं। मैं यह भी महसूस करती हूं कि जो लोग मुझे सांसद बनना देखना चाहते थे, उनकी उम्मीदों को अनदेखा किया गया है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गुरदासपुर संसदीय सीट पर उतरेंगी, तो उन्होंने कहा कि मैं सारे विकल्पों पर विचार कर रही हूं। मैंने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। मैंने किसी मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं किया है।

लेकिन कविता खन्ना के करीबी और बीजेपी नेता स्वर्ण सलारिया ने कहा कि वे 27 अप्रैल को बड़ा एलान करेंगे।

बॉलीवुड एक्टर विनोद खन्ना ने 1998, 1999, 2004 और 2014 में गुरदासपुर सीट से जीत दर्ज की थी। 2017 में उनका निधन हो गया था। विनोद खन्ना की मृत्यु के बाद माना जा रहा था कि इस सीट से कविता खन्ना उपचुनाव लड़ेंगी लेकिन व्यवसायी स्वर्ण सलारिया बीजेपी ने लड़ाया। नतीजा यह रहा कि इस सीट पर वह कांग्रेस के सुनील जाखड़ से 2 लाख वोटों के अंतर से हार गए।

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