जीवन का सबसे बड़ा फैसला होता है अपने करियर का चुनाव करना. इसलिए करियर का चुनाव करते व़क्त संबंधित क्षेत्र को जानना बहुत ज़रूरी होता है. वैसे तो हर व्यक्ति में कोई न कोई ख़ास विशेषता होती है, नहीं होती है तो उसे पहचानने की शक्ति. इस गुण को कोई यदि सकारात्मक रूप से ले तो उसके लिए करियर बनाना बड़ा आसान हो जाता है.इसीलिए जरूरी है कि अपने स्किल्स के हिसाब IMG_9867से पहले ही करियर तय कर लें, जिससे आगे चलकर किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए कुछ सरल तरीक़े हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं.
1. सकारात्मक रुख़- विचार हमेशा आशावादी रखने चाहिए, जिससे लोगों को प्रभावित करना आसान हो जाता है. काम करके तो हर व्यक्ति थक जाता है, पर ज़िंदादिली का अहसास काम के माहौल में उब नहीं फैलने देता. आजकल हर दफ्तर में काम का दबाव बहुत होता है, ऐसे में नियोक्ता अपने कर्मचारियों से उम्मीद करता है कि वे दफ्तर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर कंपनी में सद्‌भावना का माहौल बनाए रखें. चाहे काम कितना भी मुश्किल हो, टारगेट पूरा करना कितना भी कठिन क्यों न हो, पॉजिटिव एटीट्‌यूट रखने वाले लोग अपना और अपने टीम मेंबर का उत्साह बनाए रखते हैं और काम को हर हाल में पूरा करने की कोशिश करते हैं. ऐसी स्किल की ज़रूरत डेस्क-जॉब, जैसे अकाउंटिंग, डाटा एंट्री ऑपरेटर, ट्रांसलेटर, एडिटिंग, सब एडिटिंग, प्रूफ रीडिंग इत्यादि में ख़ास कर होती है. इसलिए माहौल को हल्का बनाने की क्षमता रखने वाले और सकारात्मक सोच रखने वाले औसत व्यक्ति भी इन क्षेत्रों को चुन सकते हैं.
2. संवाद- बेहतरीन भाषा और बोल-चाल आपके करियर को किन ऊंचाइयों तक ले जा सकता है, यह शायद आप सोच भी नहीं सकते. हम में से कई लोग ऐसे होते हैं, जो वाकपटुता से अपने आस-पास के माहौल को अनुकूल  बना लेते हैं. दरअसल किसी भी काम को करते या बोलते समय अपना पूरा ध्यान काम पर लगा पाने के साथ ही यह आंक लेना कि सामने वाला किस प्रकार रिएक्ट कर रहा है और किस प्रकार सामने वाले को आकर्षित किया जा सकता है, ऐसी ही योग्यता को बेहतरीन कम्यूनिकेशन स्किल्स कहते हैं. ऐसे स्किल की ज़रूरत आज कई क्षेत्रों में है, जैसे-मार्केटिंग, एंकरिंग, जॉकिइंग, टेलीकॉम, टूरिज़्म, लैंग्वेज़ , पीआर इत्यादि. इन क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करने के लिए कम्यूनिकेशन बेहतरीन होना बहुत जरूरी है. इन सब कोर्स करने के लिए किसी भी इंस्टीट्‌यूट में दाख़िला कम अंकों पर भी हो जाता है. पर विषय की अच्छी समझ और सॉफ्ट स्किल के साथ एक ग्लैमरस और सफल जीवन अवश्य जी सकते हैं.
3. समस्या हल – बेशक़ तकनीकी ज्ञान इस टेक्नो सैवी युग में बेहद ज़रूरी है, पर कैसे भी उलझन भरे माहौल को परेशानी से उबार लेना भी किसी की ख़ास विशेषता होती है. ऐसे लोगों की ज़रूरत आमतौर पर मैनेजेरियल लेवल पर होती है.  
समय प्रबंधन- वैसे तो हर तरह के जॉब में टाइम मैनेज करने की ज़रूरत होती है, पर कुछ काम ऐसे होते हैं जिनमें टाइम मैनेजमेंट की बहुत ज़्यादा ज़रूरत होती है. जहां कंपनियों में कम से कम लोगों को रखे जाने का प्रावधान हो रहा है वहीं डेडलाइन जल्द से जल्द पूरा करने का भी दबाव रहता है. ऐसे में कंपनियां वैसे लोगों को ज़्यादा प्राथमिकता देती है जिन्हें व़क्त पर अपना काम करने की आदत होती है. कहने को तो यह किसी व्यक्ति की आदत होती है, पर असल में यह साधारण सी सॉफ्ट स्किल है. यानी जितनी समझदारी से आप समय का इस्तेमाल करेंगे, उतनी ही अधिक सफलता के हक़दार होंगे. इस स्किल के बल पर कैरियर के ऊंचे मुक़ाम हासिल किए जा सकते हैं. कुछ ख़ास कैरियर ऐसे हैं जिनमें टाइम मैनेज करने की ज़रूरत सबसे पहले होती है. उदाहरण के लिए इकोनॉमिक्स, फाइनांस, इंश्योरेंस, बैंकिंग, लाइफ साइंस, पायलट, क्रूज़ इत्यादि.
टीम भावना- यह स्किल ख़ासतौर से स्पोटर्‌‌स में आगे रहने वाले व्यक्तियों में पाया जाता है. इसके अलावा निजी जीवन में दोस्तों के बड़े समूह में रहने वाले विद्यार्थियों को भी इस गुण में महारथ हासिल होती है. हंसते-हंसते ग्रुप में होने वाली छोटी-छोटी समस्याओं को चुटकी में दूर कर देने का यह गुण आगे चलकर उनके करियर को काफी ़फायदा पहुंचा सकता है. यदि करियर की दिशा निर्धारित करते व़क्त इस स्किल को ध्यान में रखा जाए और इस आधार पर ही करियर का चुनाव किया जाए जिनमें इस स्कील की ख़ास ज़रूरत होती है, तो भविष्य में अंधकार का सामना नहीं करना पड़ेगा. कई क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें अपने समूह के लोगों को अच्छे तरीक़े से डील करना बेहद ज़रूरी होता है. ये क्षेत्र हें मैनेजमेंट, प्रोडक्शन, नेटवर्किंग, टीम लीडिंग इतयादि. वैसे इस स्कील की सबसे ज़्यादा ज़रूरत स्पोर्टस में कैरियर बनाने पर पड़ती है.
आत्मविश्वास- सही व़क्त पर सही निर्णय के साथ अपनी बात रखने का एक बढ़िया तरीक़ा भी होना चाहिए. ऐसे में आत्मविश्वास बहुत ज़रूरी होता है. वैसे तो किसी भी व्यक्ति के लिए यह गुण बहुत ज़रूरी होता है, पर नौकरी के लिए तो यह बहुत ही आवश्यक है. इस गुण के होने से सफलता की राह में आ रहीं कई बाधाएं स्वयं ही दूर हो जाती हैं. वैसे वकालत, डाक्टरी, लाइफ साइंस इत्यादि ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें बग़ैर आत्मविश्वास के कुछ हासिल कर पाना कठिन हो जाता है.
आत्मालोचना- कई लोग ऐसे होते हैं जो आलोचनाएं सहन नहीं कर सकते. ग़लत  आलोचना तो दूर की बात, स्वस्थ आलोचनाएं भी उनके लिए बर्दाश्त के बाहर होती हैं. जबकि स्वस्थ आलोचना को स्वीकार कर अपने अंदर की कमियां निकाली जा सकती हैं और सुधरने के मौके को बढ़ाया जा सकता है. कई लोग ऐसे भी होते हैं जो आलोचना को स्वस्थ भाव से लेते हैं और उसके आधार पर ख़ुद को सुधारने की कोशिश करते हैं. कई क्षेत्रों में अपने काम की आलोचना को सकारात्मक रूप देकर उसे सुधारना ही उस काम को बेहतर तरीक़े से करने का विकल्प है. जैसे एडवरटाइजिंग, कार्टुनिस्ट, लेखन, इलसट्रेशन, डिज़ाइनिंग, चित्रकारी, पेंटिंग, स्केचिंग और ऐसे ही अन्य क्रिएटीव क्षेत्र.
लचीलापन- यह गुण इस अनिश्चित बाज़ार में एक वरदान की तरह है. पल-पल  बदलती बाजार की स्थितियों में यह ज़रूरी है कि हर माहौल, हर परिस्थति में काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए. अगर आप सीखने के उत्सुक हैं तभी किसी चुनौती को स्वीकार कर सकते हैं और इसी से अनुभव बढ़ते हैं. इस गुण की ज़रूरत कई क्षेत्रों में ख़ास तौर से पड़ती है. जैसे-कॉल सेंटर, आईटी, मीडिया, ़फैशन, मार्केटिंग, इंश्योरेंस इत्यादि. चूंकि इनमें बेहतरीन मार्क्स की ज़रूरत नहीं होती, पर इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्तित्व और व्यवहार में लचीलापन रखना ही चाहिए.
अत्यधिक तनाव- ग्लोबलाइज़ेशन के इस युग में कामकाज की प्रक्रिया बहुत तेज़ हो गई है, इसकी वजह से लोगों पर काम का दबाव अत्यधिक रहने लगा है. ऐसे में कई लोग काम करने में परेशानी महसूस करते हैं, जबकि कई लोग इस तरह के तनाव में और बेहतर काम करने में समर्थ होते हैं. इन क्षेत्रों में चाटर्ड अकाउंटेंट, अकाउंट्‌स के काम, शेयर मार्केट आदि प्रमुख हैं.
लगन – अपने काम के साथ पूरी तन्मयता और ईमानदारी से काम करने वालों की ज़रूरत यूं तो हर क्षेत्र में है, पर कुछ क्षेत्र ऐसे होते हैं जिनमें काम के प्रति आपकी लगन और भावनात्मक अहसास की बहुत ज़रूरत होती है. जो अपने काम से प्रेम करते हैं उनके लिए अपना ख़ुद का व्यापार, सिक्यूरिटी सर्विसेज़, फाइनेंस, फॉरेंसिक साइंस, शिक्षण-प्रशिक्षण, सोशल वर्क, रूरल मैनेजमेंट व डेवलेपमेंट आदि बिल्कुल सटीक कैरियर ऑप्शन हैं.

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