साथियों महाराष्ट्र में माननीय शरद पवारजी को कुछ लोग जाणता राजा (समझदार राजा ! ) कहते है ! जैसे ही इन्होंने उध्दव ठाकरे के साथ सरकार बनाने की शुरुआत की ! तो मैने तुरंत ही इनके पास, उनके किसी करीब के साथी के हाथ, मै राष्ट्र सेवा दल के अध्यक्ष रहते हुए ! (2017-19 ) मेरे साथ राष्ट्र सेवा दल के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर ! एक जनवरी 2018 को हुए, भिमा कोरेगांव दंगे की जांच-पड़ताल ! दंगे के एक सप्ताह के भीतर ! आठ जनवरी 2018 को दिनभर भिमा कोरेगांव, वढूबुद्रुक, चाकण – शिक्रापूर मे जाकर ग्रामपंचायत के कार्यालय में सरपंच तथा पंचायत के अन्य सदस्यों से लेकर, गांव के लोगों से लेकर, दुकानदारों से लेकर, वढूबुद्रुक के संभाजीराजे की समाधी तथा उनके शरीर के टुकड़ों को इकट्ठा करके जोड़ने वाले परिवार के वर्तमान वंशज और पुलिस – प्रशासन तथा रिपोर्ट लिखने के पहले कॉम्रेड शरद पाटील, बी. सी. बेंद्रे, कमल देसाई तथा जयसिंगराव पवार जैसे इतिहास के अध्येताओं के साहित्य को देखते हुए ! मैने भिमा कोरेगांव जांच रिपोर्ट लिख कर, फेसबुक पर कुछ लोगों को भेजने के बाद !


मुझे एक फोन आया ! और सबसे पहले फोन करने वाले सज्जन ने अंग्रेजी में विनम्रता से कहा ! “कि मै सुमित चक्रवर्ती मेनस्ट्रीम पत्रिका के तरफसे बोल रहा हूँ ! और आपकी इजाजत हो तो मै आपके द्वारा लिखित भीमा कोरेगाव दंगे की रिपोर्ट मेनस्ट्रीम के प्रजासत्ताक दिवस विशेषांक में छापना चाहता हूँ ! तो मैंने कहा कि मेरी एक शर्त है ! तो उन्होंने पूछा” कि क्या शर्त है ?” तो मैंने कहा कि “हमारे रिपोर्ट से एक शब्द भी नहीं हटाया जाए !” तो उन्होंने कहा कि “जी वैसाही होगा !” लेकिन दुसरे दिन सुमित चक्रवर्तीजीने पुनः फोन कर के पुछा ! “की भीमा कोरेगाव क्यों ? सिर्फ कोरेगांव क्यों नहीं ?” तो मैंने कहा कि “सातारा जिले में भी एक कोरेगांव नामका गांव है ! और यह कोरेगांव पूणे जिले का है ! और यह भीमा नदी के किनारे होने के कारण ! इसे भीमा कोरेगांव बोला जाता है !” तब उन्होंने कहा कि “ठीक है अब मेरी समझ में आया ! और मै भीमा कोरेगाव ही मेनस्ट्रीम में भी दे रहा हूँ !” और आपके रिपोर्ट को पूरा छाप रहा हूँ !
मेनस्ट्रीम की शुरुआत निखिल चक्रवर्ती नाम के पुराने कम्युनिस्ट विचारधारा के संपादक ने शुरू की गई पत्रिका है ! और बौद्धिक जगत में उसका बहुत दबदबा है ! और सुमित चक्रवर्ती उनके सुपुत्र जो खुद अभी अस्सी से अधिक उम्र के है ! इसलिए आजकल हमारे मित्र हर्ष कपूर मेनस्ट्रीम को देखते हैं ! तो उन्होंने भिमा कोरेगांव के रिपोर्ट को एक शब्द भी नहीं काटते हुए संपूर्ण रिपोर्ट को छापने के कारण ! मुझे भारत में भीमा कोरेगाव विषपर, कम-से-कम पच्चिस से अधिक जगहों पर ! सिर्फ भिमा कोरेगांव के उपर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया ! जिसमें कोलकाता, शांतिनिकेतन, दिल्ली, भागलपुर, पटना, लखनऊ, बनारस, इलाहाबाद, दिल्ली, भोपाल, धुलिया, जलगांव, अहमदाबाद, जयपूर, बीकानेर, उदयपुर, पुणे, मुंबई, ठाणे, बेलगांव, बंगलुरु, धारवाड, गुलबर्गा, बीजापुर, गदग, कुडलसंगम, बागलकोट, शिमोगा, हैदराबाद, वर्धा इत्यादी जगहों पर बोला हूँ !

Click Here To Read The Adani Hindenburg Report:  Adani Group_ How The World’s 3rd Richest Man Is Pulling The Largest Con In Corporate History – Hindenburg Research

और सबसे महत्वपूर्ण बात ! मैंने खुद इस रिपोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय या सबसे निचले अदालत में खुद होकर नहीं देने के बावजूद ! वर्तमान मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड ने खुद सर्वोच्च न्यायालय में जज के नाते अपने डिसेंट जजमेंट में मेनस्ट्रीम में छपी रिपोर्ट को शब्दशः कोट किया है ! ( मेरा चंद्रचूड साहब से अभितक आमने-सामने कभी भी वास्ता नहीं पडा है ! ) वैसे ही पुणे के सेशन कोर्ट और मुंबई हाईकोर्ट में भी इस रिपोर्ट को कभी जज ने तो कभी वकीलों ने कोट किया है !

और सबसे मुख्य बात महाराष्ट्र सरकारने जस्टिस जे. एन. पटेल के नेतृत्व में भीमा कोरेगाव कमिशन को, मैने मुंबई के मंत्रालय के कार्यालय में ! यह रिपोर्ट देने कि पेशकश की ! तो उन्होंने कहा कि “आप अगले डेट पर पूणे के कोर्ट में सुनवाई जारी रहते हुए आकर दिजीए !” और कुछ ज्यादा कॉपियां लेकर आईए ! तो विरोधी वकिलो को भी देना चाहिए ! तो मैं उस तारीख को पूणे कोर्ट में सुनवाई जारी रहते हुए जस्टिस पटेल और अन्य सभी संबंधित पक्षों तथा वकिलो को उस रिपोर्ट की कॉपीयो को देकर आया हूँ !
तो जैसे ही उध्दव ठाकरे की सरकार ने शपथ ग्रहण किया ! उसके बाद मैंने हमारे भीमा कोरेगाव के रिपोर्ट को शरद पवार साहेब तक पहुंचाने की व्यवस्था की ! और उन्हें सौपने वाले मित्र ने कहा कि “साहब ने रिपोर्ट लेने के तुरंत बाद पढकर मुझे कहा कि “आपने बहुत ही अच्छा काम किया है ! यह रिपोर्ट से मुझे इस केस में काफी मदद मिलेगी ! और मै इसे दोबारा खोलने की कोशिश कर रहा हूँ !” मै बाकी इतिहास नही बता रहा हूँ ! क्योंकि उस तथाकथित दोबारा खोलने को लेकर क्या हुआ है ? यह बात तथाकथित मैनस्ट्रिम मिडिया में बहुत कुछ आया है ! उध्दव ठाकरे की सरकार आई और चलीं गई ! इस दौरान फादर स्टेन स्वामी की जान मुंबई में इसी तथाकथित भीमा कोरेगाव के केस के अंतर्गत गिरफ्तारी में चलीं गई ! लेकिन शरद पवार या उनके द्वारा बनाई गई सरकार ने भीमा कोरेगाव केस मे क्या किया ? मुझे अभितक कुछ भी मालूम नहीं है !

Saffron Conspiracy in Bhima Koregaon: https://cjp.org.in/saffron-conspiracy-in-bhima-koregaon/

भिमा कोरेगांव के घटना के असली गुनाहगारों में से किसी एक को भी गिरफ्तार करना तो दूर की बात है ! वह आराम से पस्चिम महाराष्ट्र के उसी क्षेत्र में जिसे शरद पवार या राष्ट्रवादी काँग्रेस का गढ बोला जाता है ! वहां के गढोपर ( किलो पर ) उस क्षेत्र के तरुण युवा वर्ग के लोगों को लेकर ! गत पच्चीस साल से भी अधिक समय से, संभाजी भिडे हिंदूत्ववादी प्रचार – प्रसार करने का काम बदस्तूर कर रहा है ! और उसे स्थानीय लोगों की मदद मिलती है ! क्या यह बात शरद पवार से छुपी है ? क्या बात है कि उन्होंने इस आदमी को अपने राजनीतिक प्रभाव क्षेत्र में खुली छूट देकर रखीं है ?


शरद पवार एक हप्ताह पहले नागपुर में नितिन गडकरी के साथ मिलकर मुंबई वापस जाने के बाद ! अदानी जैसे पच्चिस साल के भीतर दुनिया का तीसरा और एशिया का पहले नंबर का धन्नासेठ कैसे बना ? इसकी जानकारी उजागर करने वाले हिंडेनबर्ग रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग करने की जगह ! समस्त पूंजीपतियों के तारिफ के पूल बांध रहे हैं ! और वही बात सावरकर के बारे में भी ! 1910 के पहले गिरफ्तार किए गए सावरकर 26 फरवरी 1966 के दिन 83 साल के जीवन में ! इंग्लैंड के शुरू में दो चार साल छोड़ दें ! तो बचें हुए समय में कौन सा स्वतंत्रता आंदोलन ? और कौन सा बटवारे के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रयास किया ? यह इतिहास राजनीति में बहुत पढ़ने वाले लोगों में शरद पवार का समावेश होता है ! क्या उन्हें नहीं मालूम कि ? छ सुनहरे पन्ने से लेकर तथाकथित सावरकर वाङ्मय में छत्रपती शिवाजी महाराज से लेकर वसई के पेशवा चिमाजी अप्पा तथा सबसे हैरानी की बात समस्त शत्रुओं की औरतों के साथ बलात्कार करने के लिए ! ( समस्त महिलाओं से माफी चाहता हूँ ! कि आज स्री मुक्ति के दिन यह लिख रहा हूँ ! ) भाषण और वही भाषण सावरकर सदन से हुए प्रकाशित किताबों में मौजूद रहते हुए ! आपने सावरकर के बारे में राहुल गांधी को गलत सलाह मशविरा दे दिया ? सात – सात माफीनामा और क्या – क्या लिखा है ? और सबसे हैरानी की बात स्वतंत्रता के वीर संपूर्ण अंग्रेजी राज में 60 रुपये की पेंशन पर सिर्फ जीवन नहीं जी रहे थे अपने पेंशन को बढ़ाने के लिए अंग्रेजो के साथ पत्र व्यवहार कर रहे थे और अंग्रेज जवाब में लिख रहे हैं कि हमारे रत्नागिरी के कलक्टर से आपको ज्यादा पैसे हम लोग दे रहे हैं ! तो विनायक दामोदर सावरकर किस कॅटेगरी के स्वतंत्रता सेनानी थे ?


शरद पवार वर्तमान पूंजीपतियों के तरफसे और घोर सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ थोडी बहुत चल रही कोशिश को पंक्चर करने का काम कर रहे हैं ! और वह यह काम अपने संपूर्ण साठ साल के राजनीतिक जीवन में कर रहे हैं ! एक मिडिअॉकर राजनेता जिसका संपूर्ण राजनीतिक करियर का आधा से भी अधिक समय सत्ताधारी और तथाकथित विरोधी दल के नाम पर कोई भी उपलब्धी दिखाई नहीं देती है ! सत्तर के दशक के दलित पैंथर को खत्म करने से लेकर जो भी परिवर्तन के लिए कोशिशें हुई उनके नेताओं को कोअॉप्ट करने का हूनर छोड़ कर और अभी जैसे फासीस्ट शक्तियों के खिलाफ थोड़ी सी कोशिश क्या शुरू हुई उसे भी सावरकर पर मत बोलो अदानी उद्योग समूह की बदनामी की मुहिम बंद करने की सलाह देने वाले आदमी को अचानक नागपुर में उनसे बीसेक साल कम उम्र के नितिन गडकरी ने ऐसा क्या कहाँ की आप बीजेपी के खिलाफ चल रहे पूरे प्रचार को रोकने के लिए कह रहे हो ? शायद जीवन के साठ साल के राजनीतिक सफर में कुछ गलतियां या गडबडी हुई होगी क्योंकि पॉलिएस्टर किंग (अंबानी उद्योग का कच्चा – चिठ्ठा ) नाम के किताब में तळकोकण मे धिरूभाई अंबानी को भारत के पहले पॉलिएस्टर कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर दुनिया भर की मदद करने वाले लोगों में नंबर एक पर आपका नाम है ! और आप अपने आपको और कुछ भोले समाजवादी भी आपको समाजवादी समझने की भूल करते हैं ! लेकिन आपके सत्तर के दशक से शुरु हुए राजनीतिक करियर को देखते हुए आप हमेशा ही पूंजीपतियों के साथ रहे हो ! सांप्रदायिकता और कुछ कॉस्मेटिक पुरोगामी कार्यक्रम को छोड़ दें तो आप एक जोड़तोड़ वाले राजनेताओं के अलावा और कुछ नहीं हो साठ साल का गौतम अदानी ने कौन सा पसीना बहाने के बाद आज यह मुकाम हासिल किया है ? आप गौतम अदानी की वकालत कर रहे ?


वैसे ही जज लोया के मृत्यु को लेकर खोजी पत्रकार निरंजन टकले ने जज लोया को किसने मारा ? यह किताब लिखने के बाद उसके 20 नवंबर के जन्मदिन पर ! निरंजन टकले को आपने खुद मिलने के लिए मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर के आपके कार्यालय में बुलाया ! और उसे कहा कि “आपने बहुत ही बहादुरी का काम किया है ! मै आपको क्या मदद कर सकता हूँ ?” और निरंजन टकले ने कहा कि “आप अपने तरफसे एक स्टेटमेंट दे दिजीए !” और अपने कहा कि “मै मेरे पार्टी के सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद देता हूँ !” शायद इस बात को पांच साल हो गए हैं ! आपके स्टेटमेंट को मैने अभितक देखा नहीं है !
आपही के पार्टी के हसन मुश्रीफ के बडे भाई एस. एम. मुश्रीफ ने ” हेमंत करकरे को किसने मारा” यह किताब लिखकर आज दस साल से भी अधिक समय हो रहा है ! और हेमंत करकरे की हत्या आपके अपने पार्टी की कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार थी ! और आप खुद उस समय केंद्र की कांग्रेस सरकार मे मंत्री रहे हो ! और महाराष्ट्र में आपके लाडले आर. आर. पाटील गृहमंत्री थे ! क्या किया आप लोगों ने ? शहिदो की पत्नियों को उनके पतियों के पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट तक नहीं मिले ? और तथ्यों को तो छोड़ ही दिजिए !


शरद पवार साहेब आप अभि उम्र के आखिरी पड़ाव पर चल रहे हो ! अब आपको किस बात का डर है ? कि आप इस तरह की हरकतों से जाणता राजा उपाधी का अपमान कर रहे हो ? रोकिए अपने आपको ! हम आप के शुभचिंतकों में से ही एक है ! मै मेरे उम्र के बीस साल में ( 1973 ) आप महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे ! और डॉ. बापू काळदाते राष्ट्र सेवा दल के अध्यक्ष थे ! और मैं पूर्ण समय कार्यकर्ता के रूप में एक गांव एक पाणवठा के कार्यक्रम में पूणे के बगल में महंमदवाडी नामके गांव में एक साथ मिलकर दिनभर महाराष्ट्र राज्य एस टी बस में बैठ कर गए थे ! और उस कार्यक्रम के बाद बालगंधर्व रंगमंदिर में विजय तेंडुलकर के विवादास्पद नाटक श्याम को ‘घाशीराम कोतवाल ‘ भी साथ – साथ बैठ कर देख कर अलग हुए ! तो अबतक दोबारा मिले नही है ! लेकिन आपके बिमारी के बारे में सुना था ! कि आपने कीसी भी बुवा – बाजी को नहीं मानते हुए ! आधुनिक विज्ञान के अनुसार इलाज कर के ! आज आप कॅन्सर मुक्त हो कर जी रहे हो ! तो वैसे भी किसी को दिर्घायू जिने के लिए जिवेत शरदम बोलते हैं ! हम भी बोल रहे है ! लेकिन आपने कितना लंबे समय जीवन जीया इससे महत्वपूर्ण बात आपने कितना अर्थपूर्ण जीवन जीया ? धन्यवाद आपका शुभाकांक्षी
डॉ. सुरेश खैरनार, 8 मार्च 2023, नागपुर

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