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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे को लेकर अब तक कंट्रोलर ऑडिटर जनरल (सीएजी) ने अपनी दो रिपोर्ट पेश कर दी हैं. इन दोनों ही रिपोर्ट ने भारतीय रेलवे की पोल खोल कर रख दी है. जहाँ एक रिपोर्ट में ट्रेन के खाने को खराब बताया गया था वहीं दूसरी रिपोर्ट में कम्बल तकियों की साफ़ सफाई पर सवाल खड़े किए गये हैं ऐसे में अब रेलवे एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार रेलवे अब कुछ ट्रेनों के एसी कोच में यात्रियों को कंबल और चादर देना बंद कर देगी। इसकी बजाय वो कोच का तापमान 19 डिग्री से 24 डिग्री कर देगी।

दूसरे विकल्प में कंबल के साथ कवर दिया जा सकता है। कंबल के मुकाबले कवर की धुलाई आसान और सस्ती है। शुरुआत में कोई भी योजना लागू करने से पहले उसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुनिंदा ट्रेनों में लागू किया जाएगा। इसके बाद प्रोजेक्‍ट कामयाब होने पर सभी ट्रेनों में नई पॉलिसी को लागू किया जाएगा।

रेलवे सूत्रों के अनुसार यह ज्यादा फायदेमंद होगा क्योंकि हर बेडरोल की धुलाई में रेलवे को 55 रुपए खर्च करना पड़ते हैं जबकि यात्रियों से वो केवल 22 रुपए ही लेती है। बता दें कि हाल ही में कैग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि रेलवे के कंबल एक से दो महीनों में धुलते हैं साथ ही इनकी धुलाई में क्वालिटी कंट्रोल का ध्यान भी नहीं रखा जाता। रेलवे की गाइडलाइन के अनुसार, कंबल को प्रत्येक 1-2 महीने में धोया जाना चाहिए।

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