टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम फाइनल की रेस से बाहर हो गई है। उसे सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन बेल्जियम के हाथों 5-2 से हार मिली है। हालांकि टीम इंडिया के पास अब भी मेडल जीतने का मौका है। वह अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेगी।

टीम की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “जीत और हार जीवन का एक हिस्सा है। हमारी पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और यही मायने रखता है। टीम को अगले मैच और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। भारत को हमारे खिलाड़ियों पर गर्व है।”

बता दें कि मैच में भारत ने दो गोल किए इसके मुकाबले बेल्जियम ने पांच गोल दागे और फाइनल में जगह बनाई। इस हार के साथ ही भारत गोल्ड और सिल्वर की रेस से भले ही बाहर हो गया हो लेकिन अभी कांस्य पदक उम्मीद कायम है। दूसरे सेमीफाइनल के विजेता फाइनल में खेलेंगे जबकि हारने वाली टीम का मुकाबला कांस्य पदक के लिए भारत के साथ होगा।

अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होने वाले सेमीफाइनल में हारने वाली टीम से होगा। अगर भारतीय टीम वह मुकाबला जीत लेती है तो 41 साल बाद पुरुष हॉकी टीम को ओलिंपिक मेडल मिलेगा।

  • बेल्जियम टीम ने 1 मिनट 4 सेकंड में ही पेनल्टी कॉर्नर पर पहला गोल दागा था। मैच के दूसरे मिनट में ही बेल्जियम के लॉयक लुइपर्ट ने गोल करने में कोई गलती नहीं की।
  • पहला गोल खाने के बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की। 7वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला। हरमनप्रीत ने ड्रैग फ्लिक लिया और भारत के लिए गोल दागा।
  • इसके बाद मंदीप सिंह ने 8वें मिनट में शानदार बैकहैंड शॉट से फील्ड गोल किया। पहला क्वार्टर खत्म होने के बाद भारतीय टीम ने बेल्जियम पर 2-1 की लीड बनाई हुई थी।
  • दूसरे क्वार्टर के 19वें मिनट में बेल्जियम को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। वर्ल्ड के बेस्ट ड्रैग फ्लिकर्स में से एक एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने इस मौके को भुनाया और शानदार गोल दाग स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया।
  • चौथे क्वार्टर में बेल्जियम ने एक के बाद एक कई पेनल्टी कॉर्नर लिए। 49वें, 53वें और 60वें मिनट में बेल्जियम ने 3 गोल दाग मैच जीत लिया। एलेक्जेंडर ने मैच में 3 गोल दागे।
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