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बिहार में आम लोगों की कौन कहे, हाईकोर्ट के जज को भी प्यास बुझाने के लिए पड़ोसी के घरों से पानी लेना पड़ रहा है. इस बात का खुलासा खुद माननीय न्यायाधीश ज्योति सरण ने एक मामले की सुनवाई के दौरान किया.

न्यायाधीश सरन ने कहा कि पानी का तो यह हाल है कि उनके आवास में भी नियमित रूप से पानी नहीं मिल पाता है. उन्हें पानी के लिए पड़ोसी का सहारा लेना पड़ता है. खंडपीठ ने पेय जल से जुड़े अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि निर्बाध पेयजल आपूर्ति के लिए यदि कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो संबंधित अधिकारियों को रोजाना कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ेगा.

अधिवक्ता दीनू कुमार ने एक लोकहित याचिका दायर कर यह मामला उठाया था. कोर्ट से उन्होंने कहा कि 11 जिले की 892 बस्तियों में आर्सेनिक युक्त पानी की आपूर्ति हो रही है. इससे लोग बीमार हो रहे हैं. इस पर कोर्ट ने प्रदेश के सभी नगर निगम एवें नगर विकास विभाग से जबाव मांगा है. कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया है.

 

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