अपनी जादुई आवाज़ से सब पर जादू करने वाले महान गायक जगजीत सिंह आज हमारे बीच इस दुनिया मे नहीं रहे लेकिन उनके गाए हुए गीत और ग़ज़ले आज भी अमर है और उनके फैंस आज भी उनकी ग़ज़लों और गानों के दीवाने है।

उनका निधन 10 अक्टूबर 2011 को हुआ उनकी मौत ब्रेन हैमरेज की वजह से हुई।

जगजीत सिंह इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री मे एक बड़ा नाम है। जगजीत सिंह को “द ग़ज़ल किंग “भी कहा जाता है ,जगजीत सिंह गायक और संगीतकार थे। उन्होंने कई भाषाओं में गाया और गज़ल के साथ-साथ भजन के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया।

जगजीत सिंह को आलोचकों की प्रशंसा और व्यावसायिक सफलता के मामले में सबसे सफल गजल गायक और संगीतकार माना जाता है। उनकी 1987 की एल्बम, बियॉन्ड टाइम, भारत में पहली डिजिटली रिकॉर्डेड रिलीज़ थी। उन्हें भारत के सबसे प्रभावशाली कलाकारों में से एक माना जाता था।

सिंह को 2003 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और फरवरी 2014 में, सरकार ने उनके सम्मान में दो डाक टिकटों का एक सेट जारी किया।

उनकी निजी ज़िन्दगी की बात करे तो वो पंजाबी रामगढ़िया सिख परिवार के थे। सन 1967 मे उनकी शादी बंगाल की चित्रा दत्ता से हुई जो की ग़ज़ल सिंगर थी।

1990 में, विवेक (जगजीत सिंह और चित्रा के बेटे) की 20 साल की उम्र में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। यह जगजीत और चित्रा सिंह के लिए गहरा आघात था। उन्होंने मृत्यु के बाद पूरे एक साल तक संगीत को त्याग दिया था। जवान बेटे की मौत से बुरी तरह से टूट गए थे जगजीत सिंह इस सदमे के बाद उनकी गायकी मे भी दर्द बढ़ गया था। लता मंगेशकर, जगजीत सिंह की आवाज़ की मुरीद थीं । उन्हें सन 1998 मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर सम्मान भी दिया गया।

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