राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनित किया है. इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विचारक राकेश सिन्हा सहित, देश की विख्यात डांसर सोनल मान सिंह, प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा और दलित नेता राम शकल शामिल हैं. खास बात यह है कि इस बार फिल्म या खेल जगत से किसी भी हस्ती को राज्यसभा नहीं भेजा जा रहा है. इन सभी चेहरों का चुनाव 2019 के मद्देदजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खासतौर पर एक दलित चेहरे को राज्यसभा भेजकर भाजपा ने दलित कार्ड खेलने की कोशिश की है.

इन सभी में सबसे बड़ा नाम संघ विचारक राकेश सिन्हा का है. वे दिल्ली विश्वविद्यालय में असोसिएट प्रोफेसर हैं और टीवी पर भाजपा का पक्ष रखते देखे जा सकते हैं. राकेश सिन्हा ऐसे तो बिहार से हैं, लेकिन काफी समय से दिल्ली में ही रहते हैं. उन्होंने कोटा विश्वविद्यालय से पीएचडी औप दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल किया है. राकेश सिन्हा दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के संस्थापक और मानद निदेशक हैं. वे इस समय इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के बोर्ड मेंबर भी हैं. वे हिंदी सलाहकार समिति और फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्राइब्यूनल के सदस्य भी रह चुके हैं.

राज्यसभा जाने वालों में दूसरा प्रमुख नाम है सोनल मान सिंह का, जो देश की विख्यात डांसर के साथ-साथ जानी मानी कोरियोग्राफर, शिक्षक, वक्ता और समाजिक कार्यकर्ता भी हैं. वे छह दशक से भरतनाट्यम और ओडिसी का प्रदर्शन कर रही हैं. उन्होंने 1977 में दिल्ली में सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डान्स की स्थापना की थी. वहीं, रघुनाथ महापात्रा पत्थर की नक्काशी के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने इस विधा में हजारों छात्रो को भी प्रशिक्षण दिया है. पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम भी महापात्रा ने ही किया है. उन्होंने ही संसद के केंद्रीय हॉल में भूरे पत्थर से बनी नक्काशीदार सूर्य देवता की 6 फीट ऊंची मर्ति बनाई है.

दलित नेता राम शकल की पहचान एक प्रमुख समाज सेवी की भी रही है. वे उत्तर प्रदेश से हैं तथा रॉबर्ट्सगंज से तीन बार सांसद भी रहे हैं. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से एमए किया है. उन्होंने दलित समुदाय के उत्थान के लिए काफी काम किया है. किसानों, श्रमिकों और प्रवासियों के हितों की बात करने वाले किसान नेता के रूप में उनकी अच्छी-खासी पहचान है. राम शकल श्रमिक और कल्याण, ऊर्जा, कृषि, पेट्रोलियम और नैचुरल गैस से संबंधित संसद की समितियों के भी सदस्य रहे हैं.

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