दिल्ली और आसपास के इलाकों के वातावरण में प्रदूषण का स्तर पहले के मुकाबले काफी बढ़ गया है। दरअसल, सरकार के प्रतिबंध की घोर अवहेलना करते हुए लोगों ने दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े हैं। हवा में प्रदूषण का दूसरा कारण हर साल की तरह पराली जलाने का भी है। वहीं दिवाली के दिन गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 फीसदी हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है।

शुक्रवार सुबह दिल्ली के जनपथ में हवा की गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में पहुंच गई है। आज सुबह जनपथ में प्रदूषण मीटर (पीएम) 2.5 की सांद्रता 655.07 थी। दिल्ली के आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है, यहां कई लोगों ने गले में खुजली और आंखों से पानी आने की शिकायत की है।

पटाखों पर दिल्ली सरकार के प्रतिबंध के बावजूद, कई लोगों को दिवाली के अवसर पर सड़क पर पटाखे फोड़ते हुए देखा गया।

केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, रविवार शाम (7 नवंबर) तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा। हालाँकि, सुधार ‘वैरी पुअर’ श्रेणी में उतार-चढ़ाव करेगा।

सफर के मुताबिक, “दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी के ऊपरी छोर में चली गई है … यह अभी भी गिरती रहेगी और आज रात तक “बहुत खराब” से “गंभीर” श्रेणी में प्रवेश कर सकती है …,। ”

“अगर पिछले साल के 50 प्रतिशत भी पटाखे जलाए गए तो पीएम2.5 आधी रात तक ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर जाएगा और आज सुबह तक तेजी से एक्यूआई 500+ को भी पार कर जाएगा।”

सफर मॉडल के पूर्वानुमान के अनुसार, यहां की हवा में पराली की हिस्सेदारी आज (5 नवंबर) को 35 फीसदी और 6 नवंबर और 7 नवंबर को 40 फीसदी तक पहुंच जाएगी। केवल 7 नवंबर की शाम से राहत की उम्मीद है, लेकिन एक्यूआई बहुत खराब सीमा के भीतर उतार-चढ़ाव करेगा।”

बता दें कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 और 100 के बीच ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच ”खराब”, 301 और 400 के बीच ”बहुत खराब”, तथा 401 और 500 के बीच को ”गंभीर” माना जाता है।

दिल्ली में कल से ही खराब थी हवा
दिल्ली में दिवाली की रात से पटाखे फूटने और आतिशबाजी से पहले ही वायु प्रदूषण का असर दिखना शुरू हो गया था। गुरुवार सुबह से ही आसमान में धुंध छाई हुई थी। दिल्ली में हवा का स्तर खराब होकर 363 AQI पर पहुंच गया था। मौसम और प्रदूषण का हाल बताने वाली संस्था सफर ने बताया था कि 2019 के मुकाबले इस बार दिल्ली के लोगों ने आधी मात्रा में भी आतिशबाजी की तो राजधानी में वायु प्रदूषण से हालात खराब होना तय है।

पराली का प्रदूषण 38% असर दिखा सकता है
पराली का धुआं भी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। 6 नवंबर तक इसके और बढ़ने की आशंका है। सफर ने पहले ही अनुमान लगाया गया था कि 4 से 6 नवंबर तक दिवाली के पटाखों के प्रदूषण के अलावा पराली का प्रदूषण भी 20 से 38 प्रतिशत तक असर दिखा सकता है।

पॉल्यूशन से होने वाली आम बीमारियां

  • सांस लेने में तकलीफ
  • आंख और नाक में जलन होना
  • बालों का झड़ना
  • चक्कर आना, सिरदर्द और घबराहट
  • त्वचा पर दाने और खुजली
  • लंग्स, हार्ट और नर्वस सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव
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