पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए देश के जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट, नेताओं और कई प्रमुख लोगों की कथित जासूसी के मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ये फैसला सुनाएगी। बुधवार सुबह 10.30 बजे यह निर्णय सुनाया जाएगा। इस बेंच में CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं। पेगासस कांड की जांच को लेकर 12 याचिकाएं दायर की गई थीं। केंद्र सरकार ने जनहित और राष्ट्र की सुरक्षा का हवाला देते हुए इस केस में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार किया था।

सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि वह नहीं चाहता कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता हो। कोर्ट ने कहा था कि वह सिर्फ यह जानना चाहता है कि केंद्र ने गैरकानूनी तरीके से पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं? उस समय कोर्ट ने कहा था कि दो-तीन दिनों में अंतरिम आदेश पारित किया जाएगा।

23 सितंबर को चीफ जस्टिस ने ओपन कोर्ट में इस्राइल के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए नागरिकों खासकर विपक्षी दल के नेताओं, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं आदि पर जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति गठित करने के संकेत दिए थे।

तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन पर विचार कर रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया था कि जिन विशेषज्ञों से संपर्क किया गया था उनमें से कुछ ने व्यक्तिगत कारणों से समिति का हिस्सा बनने में असमर्थता व्यक्त की थी जिसके कारण शीर्ष अदालत इस संबंध में आदेश पारित करने में देर कर रही है।

 

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