डाटा लीक की लगातार आ रही खबरों के बाद सरकार की भी नींद खुली है. सरकार इस संबंध में एक कानून लाने जा रही है. सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय का मानना है कि दिसंबर तक इसे संसद से पास करवा लिया जाएगा. उम्मीद है कि डाटा प्रोटेक्शन एक्ट का ड्राफ्ट 15 मई तक बन जाएगा. कानून बन जाने के बाद डाटा लीक करने वालों को पांच-सात साल की सजा के अलावा भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो बिना यूजर्स की मंजूरी के ही डाटा शेयर करते हैं. हाल में फेसबुक और नरेंद्र मोदी ऐप से डाटा लीक होने की खबर सामने आई थी.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में गठित कमिटी ने चार शहरों का सर्वे भी किया था. खबर है कि डेढ़ माह में डाटा प्रोटेक्शन एक्ट का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो जाएगा. मई तक ड्राफ्ट को कैबिनेट में भेज दिया जाएगा और मानसून सत्र में इसपर संसद में चर्चा होने के बाद स्टैंडिंग कमिटी इसपर विचार करेगी. इसके बाद अगले सत्र तक इसे संसद में पारित करा लिया जाएगा.

जानकारी मिली है कि सरकार इस एक्ट में कई कड़े प्रावधान करने जा रही है. डाटा लीक होने पर जेल के अलावा कंपनी पर पांच से आठ लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा.  गौरतलब है कि आईटी एक्ट 2000 के तहत डाटा लीक पर सजा का प्रावधान है. इसके अनुसार साधारण डाटा लीक होने पर तीन साल की जेल समेत जुर्माना और संवेदनशील डाटा लीक होने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.

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