मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को राज्यसभा में  पेश कर दिया है, ऐसे में सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि इस बिल में तीन बड़े संशोधन के बाद इसे सदन में पास करा लिया जाए. लेकिन इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बिल में संशोधन की बात कहते हुए भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है.

कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने कहा कि महिलाओं के साथ हर समुदाय में गलत तरीके से व्यवहार किया जाता है, यह न सिर्फ मुसलमानों में बल्कि हिंदू, सिख, ईसाईयों सभी में है. हर समाज में पुरुष की प्रधानता को माना जाता है, यहां तक कि खुद भगवान रामचंद्र ने भी एक बार सीता जी को शक की वजह से छोड़ दिया था, लिहाजा हमें इस पूरे बिल को बदलने की जरूरत है.

दलवाई के इस बयान की बीजेपी नेताओं ने निंदा की है. 75 वर्षीय सांसद का यह बयान तब आया है जब कई संशोधनों के साथ तीन तलाक निषेध बिल राज्यसभा में आज (10 अगस्त) पेश होने वाला है. बता दें कि मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है. तीन तलाक बिल के अलावा कई अन्य बिल भी आज संसद में पेश होने हैं.

कांग्रेस नेता ने बयान पर विवाद के बाद इसपर सफाई देते हुए कहा कि वह खुद माता सीता के भक्त हैं, लेकिन जो मैंने कहा वह हिंदू धर्म में महिलाओं के साथ हो रहे व्यवहार को दर्शाने के लिए कहा था, प्राचीन काल में किस तरह से महिलाओं ने मुश्किल समय झेला है, मैं उस बारे में बता रहा था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं की भलाई के लिए गंभीर नहीं है. सरकार दावा कर रही है कि वह मुस्लिम महिलाओं को और ताकत दे रही है और उन्हें मजबूत कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि वह लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है.

वहीं, भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि दलवाई को माता सीता को तीन तलाक की इस पूरी बहस में खींचने की कोई जरूरत नहीं थी. यही नहीं कई भाजपा सांसदों ने भी दलवाई के बयान का विरोध किया और इसे सदन की कार्रवाई से बाहर करने की मांग की. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज सदन में अपील की कि तीन तलाक बिल को पास कराया जाए जिससे कि करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सके.

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