BJP-President-Amit-Shahप्रदेश भाजपा ने अमित शाह के कार्यक्रम का खुलेआम बहिष्कार करने वाले घनसाली के विधायक भीमलाल आर्य को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. लंबे समय से पार्टी नेतृत्व को आंख दिखा रहे और मुख्यमंत्री हरीश रावत की तारीफ करने वाले विधायक आर्य को आखिरकार भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखा ही दिया. आर्य पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के अलावा पार्टी विधानमंडल दल से भी निलंबित रहेंगे. तीन मई को जब वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की बैठक में नहीं पहुंचे तो मामला बिगड़ गया.

इस मामले में पार्टी आर्य के जवाब का इंतजार कर रही थी कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में ही टीका-टिप्पणी कर दी. आर्य की नज़र इस कदर हरीश रावत पर मेहरबान है कि उनकी नज़र में भाजपा के नायक नरेन्द्र मोदी छोटे लगने लगे हैं. हरीश के इस जादू से सूबे की राजनीति के मर्मज्ञ भी इस बात से हैरान हैं कि आर्य आखिर किस दबाव में मोदी को धत्ता बताने पर तुले हैं. आर्य का आरोप है कि भाजपा के दलित विरोधी आचरण से वे तंग आ चुके हैं.
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि विधायक आर्य को एक माह के अंदर जवाब देने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा की अनुशासन समिति पूरे मामले की पड़ताल करेगी. बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने एक दिवसीय दौरे पर देहरादून आए थे. इस दौरान आर्य ने पार्टी द्वारा सर्वे ऑफ इंडिया के प्रेक्षागृह में आयोजित बैठक का बहिष्कार किया था. इस कारण प्रदेश भाजपा ने आर्य को निलंबित करने का निर्णय लिया. वैसे भी घनसाली के विधायक आर्य प्रदेश भाजपा की निगाह पर काफी लंबे समय से चढ़े हुए थे. प्रदेश भाजपा भी ऐसे मौके की तलाश में थी कि कब आर्य के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाए. प्रदेश भाजपा के नेता आर्य पर काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे. आर्य कई बार राज्य सरकार, विशेषकर मुख्यमंत्री हरीश रावत की तारीफ कर चुके हैं. आर्य ने बीते दिनों कई बार कहा है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत जमीनी नेता हैं और प्रदेश के विकास में लगे हुए हैं.प्रदेश की नौकरशाही मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने पर तुली हुई है. धरना प्रदर्शन करने में सबसे अव्वल रहे घनसाली के विधायक आर्य को जब भी सदन में अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने का मौका मिला, उन्होंने इसमें रूचि दिखाने के बजाय सदन के अंदर व बाहर धरना-प्रदर्शन करने में ही दिलचस्पी दिखाई. कभी मुख्यमंत्री आवास तो कभी राजभवन के सामने अक्सर ही आर्य को धरना देते देखा गया. प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक आर्य को मनाने के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को भी जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन आर्य नहीं माने.
समय-समय पर संगठन के खिलाफ अपनी आवाज भी बुलंद करते रहे. उन पर आफत तब आई, जब उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम का भी विरोध कर डाला.


भाजपा के बुरे दिनों की शुरुआत-भीमलाल
अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा से निलंबित विधायक भीमलाल आर्य ने निलंबन की इस कार्रवाई को एकतरफा बताया. उन्होंने कहा कि उनका पक्ष जाने बगैर ही निलंबन किया जाना भाजपा संविधान के विपरीत है. भाजपा अति आत्मविश्वास की शिकार हो गई है और यह अति आत्मविश्वास पार्टी को ले डूबेगा. उनका कहना है कि भाजपा के बुरे दिनों की शुरुआत हो गई है. इसका दलित विरोधी चेहरा भी सामने आ गया है. मुख्यमंत्री हरीश रावत उनके क्षेत्र की समस्याओं के निस्तारण में सराहनीय काम कर रहे हैं, तो वे क्यों मुख्यमंत्री की तारीफ न करें. हालांकि, उन्हें अब तक निलंबन का पत्र नहीं मिला है, जब भाजपा के कुछ नेता उनके विरुद्ध मन बना ही चुके हैं, तो वे जो करना चाहते हैं कर लें.

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