नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया) : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवल के एक पूर्व सहयोगी ने मैग्सेसे पुरस्कार देने वाली संस्था को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि केजरीवाल को दिया गया मैग्सेसे सम्मान वापस लिया जाये। पूर्व सहयोगी सुनील लाल आईएसी के सदस्य रह चुके हैं।
@rmafoundation Revoke 2006 Arvind Kejriwal Award 4 ‘RTI legislation & fight against corruption' as he is not practicing both failing Nation pic.twitter.com/BIOTvCcyRU
— Sunil Lal (@sunil2819) May 24, 2017
उल्लेखनीय है कि आरटीआई के लिए जागरूकता लाने और एंटी करप्शन मुहिम चलाने के लिए 2006 में अरविंद केजरीवाल को यह प्रतिष्ठित अवार्ड दिया गया था। सुनील लाल का यह दूसरा पत्र है जिसमे उन्होंने यह मांग की है। अगर सुनील लाल की मांग पर ध्यान देकर कार्रवाई की जाती है तो इसमे चौंकोने वाली बात नहीं होगी कि उनसे सम्मान के एवज में सवाल पूछ लिया जाए।
पिछले साल 10 मई को भी उन्होंने संस्था को एक पत्र लिखा था लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। सुनील ने बताया कि मैंने संस्थान को लिखा है कि आपको जांचने में गलती हो गई है। केजरीवाल के नाक के दिल्ली में भ्रष्टाचार हो रहा है तो आपको पुरस्कार वापस लेना चाहिए।
सुनील लाल का कहना है कि केजरीवाल को दो वजहों से मेग्सेसे अवार्ड मिला था, पहला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए और दूसरा आरटीआई के लिए। लेकिन जब से केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनी है तब से न तो उनके अपने खास विभाग में भ्रष्टाचार कम हुआ है न ही दिल्ली सरकार में। हालांकि इतिहास में अब तक मैग्सेसे सम्मान को लेकर ऐसा कोई वाक्या सामने नहीं आया है जहां पुरस्कार वापिस लिया गया हो, लेकिन अगर सुनील लाल की अपील पर ध्यान देकर केजरीवाल से सम्मान वापिस लिया जाता है तो इतिहास में अपने आप में बड़ी घटना मानी जाएगी।
पिछले कुछ दिनों से अरविंद केजरीवाल के पूर्व करीबी कपिल मिश्रा लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनके पक्ष में कई सारे लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं लेकिन मुसीबत दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है।