मुंबई के लीलावती और हिंदुजा अस्पताल के डाक्टर्स को बड़ी कामयाबी मिली है. जहां एक महिला का वजन 300 से घट कर 86 किलोग्राम करने में डाक्टर्स सफल रहे. जो जल्द ही लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो जायेगा. बताया जा रहा है कि एशिया की सबसे वजनी महिला अमिता राजानी का बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद वजन 300 से घट कर 86 किलोग्राम हो गया है. इस सर्जरी को लीलावती और हिंदुजा हेल्थकेयर सर्जिकल अस्पताल के 20 डाक्टर्स ने मिलकर अंजाम दिया है.

अमिता की बेरियाट्रिक सर्जरी को लेकर लेप्रो ओबेसो सेंटर के संस्थापक डॉ. शशांक शाह ने बताया कि चार साल में दो चरणों में सर्जरी के बाद अमिता का वजन घटा है. डॉ. शशांक शाह अमिता की बेरियाट्रिक सर्जरी करने वाले 20 डॉक्टरों के प्रमुख है. डॉ. शशांक शाह का कहना है कि अमिता सुपर मॉर्बिड ओबेसिटी के साथ ही कोलेस्ट्रॉल, गुर्दे की अक्रियाशीलता, टाइप-2 डायबिटीज और सांस लेने में परेशानी सहित कई बिमारियों से ग्रसित थी. उन्होंने बताया कि साल 2015 में अमिता की पहली मेटाबॉलिक सर्जरी की गई थी. इसके बाद अमिता का वजन कुछ घटा और वह बिना किसी की मदद के चलने फिरने लगी. फिर दो सालों बाद 2017 में अमिता की दूसरी गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी की गई.

बताया जा रहा है कि पहली सर्जरी से पहले अमिता का वजन 300 किग्रा था. जबकि दूसरी सर्जरी के दौरान उसका वजन 140 किग्रा के आस पास था. डाक्टर्स के मुताबिक अमिता की पहली सर्जरी करीब आधे घंटे चली. इसमें 4 सहायक सर्जन, 2 एनेस्थेटिस्ट, 2 नर्स, 8 वार्ड बॉय, फिजिशियन, चेस्ट फिजिशियन, एक आईसीयू और एक किडनी के डाक्टर्स मौजूद थे. जबकि दूसरी सर्जरी के दौरान अमिता का वजन150 किग्रा होने की वजह से इतने डॉक्टरों की जरूरत नहीं पड़ी और यह सर्जरी पौने घंटे में ख़त्म हो गई.

मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. शशांक शाह 10 साल पहले ब्रिटेन में एक ऐसे ही मरीज की सर्जरी कर चुके थे.ऐसे में अमिता की सर्जरी में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई. उस मरीज का वजन 310 किलोग्राम था.

इस ऑपरेशन के बाद अमिता राजानी ने कहा कि अब मैं आजाद हूं. अपनी पसंद के कपड़े पहनने के साथ ही अकेले घूम-फिर सकती हूं. अमिता की मां ने बताया कि उनकी बेटी का वजन 300 किलो होने से उस काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. यहां तक की वो अपने हाथ से खाना भी नहीं खा पाती थी.

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