नई दिल्ली : रामनाथ कोविंद ने आज देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया. चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने उन्हें शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण के बाद संसद भवन के सेंट्रल हॉल में नए राष्ट्रपति का भाषण हुआ. राष्ट्रपति पद का दायित्व सौंपे जाने के लिए कोविंद ने सभी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सेंट्रल हॉल में आने के बाद उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं. उन्होंने अपनी शुरुआती जिंदगी और चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वे मिट्टी के घरों में पले हैं. उन्होंने देश के सभी लोगों को राष्ट्र निर्माता कहा.

उन्होंने कहा- राष्ट्र निर्माण अकेले सरकारों द्वारा नहीं किया जा सकता. सरकार सहायक हो सकती है. वह समाज के उद्यमियों को नई दिशा दिखा सकती है. राष्ट्रीय गौरव ही राष्ट्र निर्माण का आधार है. हमें भारत की मिट्टी और पानी पर गर्व है. हमें भारत की संस्कृति-परंपरा-अध्यात्म पर गर्व है. हमें गर्व है अपने कर्तव्यों के निवर्हन पर.देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है. प्रत्येक भारतीय मूल्यों का संरक्षक है. देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सशस्त्र बल राष्ट्र निर्माता है. पुलिस और अर्द्धसैनिक बल जो आतंकवाद से लड़ रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता है. जो किसान तपती धूप में अन्न उगा रहा है, वो राष्ट्र निर्माता है. खेत में न जाने कितनी महिलाएं भी काम करती हैं. जो भारत को मंगल तक ले जा रहा है, या किसी वैक्सीन का आविष्कार कर रहा है, वो राष्ट्र निर्माता है. जिस नौजवान ने अपना स्टार्टअप शुरू किया है और खुद रोजगारदाता बन गया है, वो राष्ट्र निर्माता है. वो प्रतिबद्ध लोकसेवक, जो पूरी निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. पानी से भरी सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रित कर रहे हैं या दफ्तरों में बैठकर फाइलें भी देख रहे हैं, वो राष्ट्र निर्माता है. शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं. देश के नागरिक ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक अपने प्रतिनिधि चुनते हैं. यही प्रतिनिधि राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन लगाते हैं. सदियों से भारत ने वसुधैव कुटुंबकम को जिया है.

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की होगी. गांधीजी ने हमें मार्ग दिखाया. सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया. वे राजनीतिक स्वतंत्रता से संतुष्ट नहीं थे. वे करोड़ों लोगों की आर्थिक स्वतंत्रता का लक्ष्य चाहते थे. हम 21वीं सदी के दूसरे दशक में हैं्. हमें भरोसा है कि ये भारत की सदी होगी. हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो आर्थिक नेतृत्व देने के साथ ही नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करे.

इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं. शपथ ग्रहण के वक्त मंच पर कोविंद और प्रणव मुखर्जी के अलावा चीफ जस्टिस खेहर, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मौजूद रहे. पीएम मोदी मंच के सामने सांसदों और अन्य मेहमानों के साथ सामने की कतार में बैठे थे. मोदी के साथ पूर्व पीएम देवगौड़ा, मनमोहन सिंह के अलावा सोनिया गांधी और नितिन गडकरी बैठे थे. साथ ही सेंट्रल हॉल में मोदी मंत्रीमंडल के तमाम मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे.

शपथ ग्रहण के लिए प्रणव मुखर्जी कोविंद को काली लिमो कार में लेकर संसद भवन पहुंचे थे. शपथग्रहण के बाद सुरक्षाबलों के काफिले के साथ प्रणव मुखर्जी और कोविंद उसी कार से राष्ट्रपति भवन वापस लौटे. यहां कोविंद को सलामी दी गई. इसके साथ ही रामनाथ कोविंद को कार्यभार सौंपने के बाद प्रणव मुखर्जी 340 कमरों वाले राष्ट्रपति भवन से हटकर 10 राजाजी मार्ग स्थित एक बंगले में रहने के लिए चले गए.

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