पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 11वीं पुण्यतिथि पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए उन्हें याद किया गया. राजनीतिक और सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों के साथ-साथ चंद्रशेखर के विचारों में आस्था रखने वाले आम जनों ने भी उनके प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित की. इस अवसर पर दिल्ली में चंद्रशेखर के समाधि स्थल पर भी कई गणमान्य लोगों ने पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. विजय घाट से सटे उनके समाधि स्थल जननायक स्थल पर बीते 8 जुलाई को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. इसमें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की विशेष उपस्थिति रही.

chandrashekherमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 8 जुलाई को पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पुण्यतिथि उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया. कार्यक्रम के प्रारम्भ में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पद एवं प्रतिष्ठा को लेकर चंद्रशेखर जी में कोई अहम नहीं था. वे हमेशा भारतीय परम्परा और राष्ट्र की मर्यादा के प्रबल समर्थक रहे. कोई व्यक्ति हमेशा नहीं रहता, लेकिन विचार शाश्वत होते हैं. चंद्रशेखर जी वैचारिक क्रांति के प्रतीक थे. उन्होंने कहा कि विचारधारा का अंतिम उद्देश्य लोक कल्याण एवं राष्ट्र कल्याण होना चाहिए. चंद्रशेखर जी हमेशा बिना लाग-लपेट के संसद में बेबाकी से अपनी बात कहते थे. निश्चित रूप से कुछ लोगों को उनके विचार कठोर लगते रहे होंगे, लेकिन वे देशहित में ही बोलते थे.

वे हमेशा संविधान के दायरे में रहकर लोकतांत्रिक ढंग से राजनीति करने के हिमायती रहे. इसीलिए वर्ष 1975 में जब देश में आपातकाल लगाया गया तो उस समय उन्होंने कांगे्रस पार्टी को छोड़ दिया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर-संसद में दो टूक भाग-दो’ पुस्तक का विमोचन भी किया. उन्होंने इस पुस्तक के सम्पादक धीरेन्द्र नाथ वास्तव के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि एक ऐसे समाजवादी नेता के विचार को लेखक ने वर्तमान पीढ़ी के समक्ष रखने का प्रयास किया है, जिनके विचार उपयोगी, मार्गदर्शक एवं राष्ट्रीय एकता के लिए हमेशा प्रासंगिक रहेंगे.

इस अवसर पर, आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री के बारे कहा कि चंद्रशेखर ने मूल्यों के साथ कभी समझौता नहीं किया. उनके जीवन में एक अजीब सा फक्कड़पन था. उन्होंने देश के गरीब, किसान, मजदूर एवं वंचित वर्गों के कल्याण तथा इन वर्गों के हितों के लिए लगातार संसद में अपनी आवाज बुलंद की. संसद में उनके योगदान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद भी चुना गया. देश में संसदीय परम्पराओं को मजबूत करने में चंद्रशेखर जी के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. देश के लोकतंत्र को कमज़ोर करने की जो शरारतपूर्ण कोशिश हुई थी, उसके खिलाफ चंद्रशेखर ने आवाज उठाई थी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल के नाम पर लोकतंत्र का गला घोटने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती.

चन्द्रशेखर ने इंदिरा गांधी और कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने आगे कहा कि बहुत सारे लोग अपने आप को समाजवादी कहते हैं, लेकिन वास्तव में समाजवाद क्या होना चाहिए, उसके आदर्श प्रतिमूर्ति के रूप में चंद्रशेखर जी को रखा जा सकता है. समाजवाद के नाम पर परिवारवाद को उन्होंने कभी बढ़ावा नहीं दिया. परिवारवाद और गुंडावाद करना समाजवाद नहीं है. चंद्रशेखर इसके सख्त खिलाफ थे. इस अवसर पर एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के समाजवादी विचारों की सराहना की, तो वहीं समाजवाद के नाम पर फैलाए जा रहे जातिवाद और गुंडावाद को बेनकाब करने का आह्वान किया. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ अपने संसदीय कार्यकाल को याद करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें चंद्रशेखर जी के साथ संसद में कार्य करने का अवसर मिला है.

संसद में बहस के दौरान विभिन्न विषयों पर उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार दलगत राजनीति से हटकर मौलिक एवं भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्रयुक्त होने वाले थे. उन्होंने अपने मूल्यों और आदर्श के साथ कभी समझौता नहीं किया. उनका मानना था कि अगर हौसला नहीं होगा तो फैसला नहीं होगा. घरेलू और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के चंद्रशेखर के प्रयासों की भी मुख्यमंत्री योगी ने सराहना की. उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर जी का मानना था कि भारत जैसे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में घरेलू और कुटीर उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है. इसके दृष्टिगत वर्तमान सरकार ने प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना लागू की है. चंद्रशेखर जी कॉमन सिविल कोड को जरूरी मानते थे. उनका कहना था कि समाज और देश के हित में यह आवश्यक है कि सभी के लिए कानून समान हो.

विधानसभा के सेंट्रल हॉल में ‘राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर-संसद में दो टूक भाग-दो’ पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने की. विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने चंद्रशेखर को याद करते हुए कहा कि चंद्रशेखर जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व हमें प्रेरणा देता है. उन्होंने सदैव समाजोन्मुखी राजनीति की. चंद्रशेखर जी पर पुस्तक प्रकाशन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे लोगों को उनके विचारों को जानने में सहायता मिलेगी. इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही,  रामापति शास्त्री, स्वामी प्रसाद मौर्य, राज्य सभा सांसद अशोक वाजपेयी एवं विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे. इस कार्यक्रम का आयोजन चन्द्रशेखर ट्रस्ट द्वारा किया गया था. हुआ. चंद्रशेखर ट्रस्ट पिछले 6 वर्षों से पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि पर एक पुस्तक रिलीज करता है. इस ट्रस्ट के संयोजक चंद्रशेखर के शिष्य और भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह हैं. आपको बता दें कि यशवंत सिंह ने अपनी एमएलसी सीट सीएम योगी के लिए छोड़ी थी और सपा से इस्तीफा दे दिया था. जब यशवंत सपा में थे, तब चंद्रशेखर पर लिखी पुस्तकों का विमोचन मुलायम सिंह यादव व अखिलेश ने किया था. पिछले वर्ष से यह जिम्मेदारी सीएम योगी निभा रहे हैं.

सपा ने भी मनाई पुण्यतिथि ग़ायब रहे मुलायम-अखिलेश

समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय में भी पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की पुण्यतिथि मनाई गई. चंद्रशेखर की 11वीं पुण्यतिथि पर बेहद सादगी भरे कार्यक्रम से सपा के दोनों शिर्ष नेता मुलायम सिंह और अखिलेश यादव अनुपस्थिति रहे. पार्टी के अन्य नेताओं ने श्रद्धेय चंद्रशेखर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया. इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन ने कहा कि चंद्रशेखर जी समाजवादी विचारधारा के बड़े नेता थे. जय प्रकाश नारायण की गिरफ्तारी होने पर कांग्रेसी सांसद होने के बावजूद उन्होंने संसद मार्ग थाना जाकर गिरफ्तारी दी.

वे पूंजीवाद के प्रबल विरोधी थे और अपने जीवन में उन्होंने विचारधारा से हटकर कभी भी समझौता नहीं किया. भले ही इस कर्याक्रम में अखिलेश यादव उपस्थित नहीं थे, लेकिन अहमद हसन ने कहा कि चंद्रशेखर की विचारधारा को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अखिलेश यादव आगे ले जाने का काम कर रहे हैं. सांप्रदायिकता और पूंजीवाद के खिलाफ चंद्रशेखर की प्रतिबद्धताओं को याद करते हुए अहमद हसन ने कहा कि समाजवादी व्यवस्था में सांप्रदायिकता और पूंजीवाद के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता. वर्तमान दौर में पूंजीवादी ताकतों और साम्प्रदायिकता से लड़ने की सबसे अधिक जरूरत है. यह लड़ाई समाजवादी ही लड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों और नौजवानों को चंद्रशेखर जी के बारे में जानना चाहिए.

इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी भी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के लिए समाजवादी संघर्षरत हैं. समाज में सांप्रदायिकता, सामाजिक विघटन और गैर बराबरी लगातार बढ़ रही है. भाजपा और आरएसएस जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी एकजुट होकर इन खतरों से मुकाबला करेगी और समाज में व्याप्त असमानता को दूर करेगी. चौधरी ने कहा कि चंद्रशेखर जी ने पदयात्रा के दौरान देश की तत्कालीन समस्याओं यथा गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी की जटिलता को महसूस किया.

उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को चंद्रशेखर जी की पुण्यतिथि पर समाजवादी विचार को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए. साथ ही चंद्रशेखर जी की जेल डायरी और यंग इंडिया के माध्यम से संघर्ष और विचार की समझ भी बढ़ानी चाहिए. इस अवसर पर सदस्य विधान परिषद सर्व एसआरएस यादव, अरविन्द कुमार सिंह, पूर्व मंत्री अताउर्रहमान, जगदीप सिंह यादव, मधुकर त्रिवेदी, कर्नल सत्यवीर सिंह यादव, विजय सिंह यादव, राम सागर यादव, मणेन्द्र मिश्र, राष्ट्रीय अध्यक्ष छात्रसभा राहुल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष युवजन सभा बृजेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड मोहम्मद एबाद, प्रदेश अध्यक्ष लोहिया वाहिनी प्रदीप तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष छात्रसभा दिग्विजय सिंह देव, अनिल सिंह वीरू, गीता पांडेय, ऊषा सिंह, रेनूबाला, विद्या यादव, जीतू वर्मा, महेन्द्र यादव, अनूप सिंह, प्रदीप शर्मा, सिद्धार्थ मिश्रा, अरूण यादव, अनूप बारी, दिलीप कमलापुरी, लोकेश यादव, इंजीनियर अरविन्द यादव और प्रदीप सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

चंद्रशेखर के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि सभा

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 11वीं पुण्यतिथि पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए उन्हें याद किया गया. राजनीतिक और सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों के साथ-साथ चंद्रशेखर के विचारों में आस्था रखने वाले आम जनों ने भी उनके प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित की. इस अवसर पर दिल्ली में चंद्रशेखर के समाधि स्थल पर भी कई गणमान्य लोगों ने पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. विजय घाट से सटे उनके समाधि स्थल जननायक स्थल पर बीते 8 जुलाई को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ.

इसमें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की विशेष उपस्थिति रही. इन सबने पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि पर पुष्प अर्पण किया और मौन धारण कर उनके प्रति श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर चंद्रशेखर के पुत्र और चंद्रशेखर मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष नीरज शेखर भी उपस्थित रहे. उन्होंने अपने पिता को याद किया. उनकी पत्नी सुषमा सिंह और दोनों बेटियां रानिया शेखर और नवेली शेखर भी पूरे वक्त मौजूद रहीं. सभी ने दो मिनट को मौन रखकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि दी.

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