बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार बर्फ से ढके केदारनाथ जैसे पावन क्षेत्रों में योग कराने की संभावनाओं को तलाश कर रही है. यह देखा जा रहा है कि अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में योग कराना संभव है कि नहीं. केदारनाथ में भी योग कराने की संभावना को तलाशा जाएगा.

विश्व योग दिवस पर मोदी के योग कार्यक्रम से पल्ला झाड़ने वाले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को योग का राजनीतिक नफा-नुकसान जब समझ में आया तो उन्होंने तुरन्त यू-टर्न लेते हुए युवा रोजगार योग करने की ठान ली. मोदी के योग के कार्यक्रम से जनता का भारी जुड़ाव होने का संकेत मिलते ही हरीश को समझ में आ गया कि विरोध से हानि उठानी पड़ सकती है. इसी से भयाक्रान्त हरीश सरकार मंच पर योग करते दिखी. विश्व येाग दिवस पर देवभूमि की पूरी कांग्रेस योग गुरु बाबा रामदेव के योग पर हमलावर के साथ चाहती थी कि नेहरू परिवार, कांग्रेस का जबरदस्त विरोध कर मोदी की सरकार बनाने में मददगार रहे बाबा के हेडमास्टरी में भारत में योग का कार्यक्रम न संचालित किया जाए.
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मोदी सरकार से भी बड़ी लकीर खिंचने की मंशा से योग से निरोग से एक कदम आगे बढ़ कर योग से युवा को मिले रोजगार का तरीका पेश कर जो कार्य किया, वह हिमालयी राज्य ख़ास तौर से युवकों में चर्चा का विषय बना है. हरीश सरकार ने प्रदेश में योग को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाओं का ऐलान तो कर डाला, इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए केंद्र के पाले में गेंद सरकाने में भी देरी नहीं की. मुख्यमंत्री हरीश रावत ने योग सिखाने के लिए रखे जाने वाले अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय के लिए केंद्र से सहयोग मांगा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस योजना को राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत अंगीकृत करने का अनुरोध किया है. इन्होंने कहा कि राज्य को विशेष श्रेणी राज्य का होने के नाते इसमें 90/10 के अनुपात में अनुदान देने दिया जाए. उत्तराखंड एक मात्र ऐसा प्रदेश है, जो योग के प्रोत्साहन के लिए पूरी कार्ययोजना लेकर सामने आया है. इस तरह से देखा जाय तो उत्तराखंड युवकों को योग के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना प्रस्तुत करने वाला अव्वल राज्य बन गया है.
बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार बर्फ से ढके केदारनाथ जैसे पावन क्षेत्रों में योग कराने की संभावनाओं को तलाश कर रही है. यह देखा जा रहा है कि अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में योग कराना संभव है कि नहीं. केदारनाथ में भी योग कराने की संभावना को तलाशा जाएगा. इस दौरान उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि वे अपने योग के प्रति उत्साही मित्रों को भी केदारनाथ में आकर योग करने को आमंत्रित करेंगे. उन्होंने योग अनुदेशकों के संबंध में केंद्र से सहयोग की अपेक्षा के बाबत पत्र लिखे जाने की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने सरकार की ओर से योग को बढ़ावा देने के लिए बनाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी साझा की. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले अर्द्ध कुंभ के दौरान ऋृषिकेश में योग महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए तिथि अभी तय करनी शेष है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में योग एंड वेलनेस योजना पर कार्य किया जा रहा है. इस कड़ी में ऋृषिकेश व बागेश्वर में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 150 स्कूलों में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा. यहां शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षित लोग रखे जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार योग दिवस को लेकर अपनी कार्ययोजना पर तकरीबन एक माह पहले से कार्य कर रही थी. उन्होंने कहा पहले यह घोषणाएं जागेश्वर के कार्यक्रम में होनी थी, अब यह देहरादून में की गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में योगा को पर्यटन के साथ जोड़ने की दिशा में कार्य किया जाएगा. सरकार अब प्रदेश के तीन व पांच सितारा होटलों में योग की सुविधाएं अनिवार्य करने जा रही है. इसके तहत होटलों को इन सुविधाओं के बिना सरकार की ओर से एनओसी नहीं दी जाएगी. इसके अलावा सरकार उत्तराखंड आयुर्वेद चिकित्सालय में फैकल्टी ऑफ योगा एंड नेचुरोपैथी की स्थापना कराएगी. मुख्यमंत्री हरीश रावत ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के प्रचार व इसके माध्यम से रोजगार सृजन के संबंध में आयोजित बैठक में उपरोक्त निर्देश जारी किए. इन्होंने अपर मुख्य सचिव एस राजू को विद्यालयों में मानदेय आधार पर योग प्रशिक्षकों के पद एक माह में आरंभ करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री रावत ने केंद्र से मिलने वाले सहायता को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को पिछले वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में 411 करोड़ रुपये कम मदद मिली है. गत वित्तीय वर्ष शुरुआती तीन माह में सरकार को सभी मदों में 2372.83 करोड़ रुपया मिला था, जबकि इस वर्ष कुल 1961 करोड़ रुपये मिला है. इसके अलावा पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप के लिए पैसा नहीं मिल पाया है. अर्द्ध कुंभ के लिए अभी तक कोई वित्तीय सहायता जारी नहीं की गई है.


कार्ययोजना के मुख्य बिंदू

  • प्रदेश के 68 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में प्रतिदिन होगा योग.
  • 25 नगर निकायों में एक माह के भीतर चिन्हित होंगे योगा कॉर्नर.
  • आयुष के जरिए तैनात प्रशिक्षक देंगे मुफ्त प्रशिक्षण.
  • देहरादून के गांधी पार्क व हल्द्वानी के स्टेडियम में पुलिस के सहयोग से चलाए जाएंगे योग कॉर्नर, 15 दिनों के भीतर देंगे कार्ययोजना.
  • स्कूलों में योग को पाठ्यक्रम के रूप में किया जाएगा शामिल. शिक्षा विभाग को देव संस्कृति विश्वविद्यालय के सहयोग से पाठ्यक्रम बनाने के निर्देश. कैबिनेट में लाया जाएगा मुद्दा.
  • वीआइपी घाट हरिद्वार और जीएमवीएन ऋृषिकेश भी 12 अन्य क्षेत्रों के साथ योग क्षेत्र के रूप में किए जाएंगे विकसित.
  • कुमाऊं विश्वविद्यालय में विदेशी भाषा के साथ जोड़ा जाएगा योग.
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