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नई दिल्ली (ब्यूरो,चौथी दुनिया)। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और अब नतीजों का इंतजार है। चुनाव समाप्त होने के बाद नतीजों के इंतजार के बीच, सियासी रोचकता को बढ़ाने का काम करता है Exit Poll। एग्जिट पोल को नतीजों के सबसे करीब माना जाता है। लेकिन कई चैनलों और अखबारों के एग्जिट पोल एक दूसरे से बिल्कुल विपरित जाते हैं। ऐसे में किसका अनुमान कितना सही होगा, ये कह पाना मुश्किल होता है। हम आपकों पिछले कुछ चुनाव पर मुख्य चैनलों के अनुमानों पर आधारित एग्जिट पोल दिखाते हैं ताकि आप ये जान सकें कि किसका एग्जिट पोल कितना सही और कितना गलत ?

लोकसभा चुनाव 2014

लोकसभा चुनाव 2014 की रोमांचकता तो याद होगी आपको। जहां सभी पार्टियां जीत का दंभ भर रहीं थी। सभी चैनलों का अनुमान था कि एनडीए को ज्यादा सीटें मिलेंगी लेकिन बहुमत मुश्किल हैं। लोकसभा चुनाव में न्यूज 24 और चाणक्य का सर्वे सबसे सटीक बैठा था। जिसका अनुमान था कि एनडीए की सरकार को 343 सीटें मिल सकती है। जबकि यूपीए को 60।

दिल्ली विधानसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव के बाद सबसे दिलचस्प चुनाव था दिल्ली का विधानसभा चुनाव। किरण बेदी बनाम अरविंद केजरीवाल की लड़ाई में तमाम कयास चल रहे थे। केजरीवाल शुरू से मजबूत माने जा रहे थे लेकिन दिल्ली में ऐतिहासिक नतीजें दर्ज करेंगे किसी ने अनुमान नहीं लगाया था। दिल्ली के नतीजों के सबसे करीब अनुमान चाणक्य का ही सही निकला था। चाणक्य के मुताबिक केजरीवाल करीब 50 सीटें पाएंगे लेकिन दिल्ली ने उन्हे 67 सीटें दी।

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बिहार चुनाव

बिहार के चुनाव में सारे चुनावी पंडितों के अनुमान धराशायी हो गए थे। नीतीश बनाम मोदी की लड़ाई में हर किसी का अनुमान नतीजों से बिल्कुल अलग था। सभी राजनीतिक विश्लेषणों ने कहा था कि बिहार में बीजेपी गठबंधंन और महागठबंधंन के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिलेगा, लेकिन नतीजों में नीतीश आगे निकल गए। चौंकाने वाली बात थी कि लालू के हिस्से में नीतीश से भी ज्यादा सीटें आईं थी।

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