भारत में ऐसी कई जगहें हैं जहाँ पर श्रद्धालु आते हैं और अपनी श्रद्धा के हिसाब से चीज़े चढ़ाते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसी मज़ार के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर श्रद्धालु आते हैं और चढ़ावे के तौर पर घड़ियाँ चढ़ा कर जाते हैं. जी हाँ घड़ियाँ. आपने मजारों पर लोगों को चादर चढ़ाते हुए तो देखा होगा लेकिन अब हम आपको घड़ी वाली मज़ार के बारे में बताने जा रहे हैं.
बता दें कि पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर स्थित नौगजा पीर अपने हिन्दू और मुसलमान भक्तों के द्वारा चढ़ाए जाने वाले अनोखे चढ़ावे के लिए प्रसिद्ध हैं. यहाँ पर देश के सुदूर इलाकों से लोग आते हैं लेकिन चढ़ावे के तौर पर सिर्फ घड़ियाँ चढ़ा कर जाते हैं.
भक्तों का मानना है कि की घड़ी चढ़ाने से नौगजा पीर उनकी मुराद को पूरी कर देते हैं. पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित शाहबाद कस्बे से सात किलोमीटर दूर हाईवे नंबर 1 पर पड़ती है नौगजा पीर की मजार.
इस मजार के बारे में कहा जाता है कि यह एक ऐसे पीर की मजार है, जिनकी लम्बाई 9 गज थी. इसलिए यहां पर बनी उनके मजार कि लम्बाई भी 9 गज है. नौगजा पीर शाहबाद में 500 ईसा पूर्व में रहते थे.
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नौगजा पीर दो कारणों से प्रसिद्ध है. पहला तो यह कि, यह जगह हिन्दू और मुस्लिम एकता का प्रतिक है, क्योंकि यहां पर एक ही जगह मुस्लिम संत कि मजार और भगवान शिव का मंदिर है. वहीं दूसरी वजह है कि इस मजार पर श्रद्धालु चढ़ावे के तौर पर सिर्फ घड़िया ही चढ़ाते हैं. अगर आप यहां जाएंगे तो देखेंगे कि करीने से सजाई हुई घड़ियां एक कतार में रखी हुई हैं.
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