छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक विवादित बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. सावरकर जयंती पर उनके इस बयान से सियासी बवाल मच गया है.
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए भूपेश बघेल ने सावरकर पर धार्मिक आधार पर देश बांटने का आरोप लगाया. इसके साथ ही वे मोहम्मद अली जिन्ना का बचाव करते भी नज़र आये.

Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel: Aaj Nehru Ji ke Bharat ko badalne ki koshish ki ja rahi hai. Lagta hai jo neev Nehru Ji ne Bharat nirmaan ke liye dala tha usmein se kuch khisak gaya hai. https://t.co/kYhnnGJgVF

— ANI (@ANI) May 27, 2019

दरअसल भूपेश बघेल ने कहा कि हिंदू महासभा के नेता विनायक दामोदर सावरकर ने धर्म आधारित हिंदू और मुस्लिम राष्ट्र की कल्पना की थी. बीजारोपण सावरकर ने किया था और उसे पूरा करने का काम जिन्ना ने किया. बघेल ने कहा कि सावरकर ने देश की आजादी के लड़ाई लड़ी, लेकिन जेल जाने के बाद माफी के लिए अंग्रेजों को दर्जनों पत्र लिखे. जेल से छूटने के बाद वे आजादी के आंदोलन में शामिल नहीं हुए.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान की बीजेपी ने कड़े शब्दों में निंदा की है. बीजेपी का कहना है कि लोकसभा चुनावों में मिली हार से कांग्रेस पूरी तरह निराश हो चुकी है और सावरकर को लेकर दिया गया बयान भी उसी हताशा का हिस्सा है.

We bow to Veer Savarkar on his Jayanti.

Veer Savarkar epitomises courage, patriotism and unflinching commitment to a strong India.

He inspired many people to devote themselves towards nation building. pic.twitter.com/k1rmFHz250

— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2019

वहीं दूसरी तरफ आज सावरकर जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने एक वीडियो ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. मोदी ने सावरकर को साहसी, देशभक्त और भारत को मजबूत करने वाली विभूति की संज्ञा दी है. सिर्फ पीएम मोदी ही नहीं बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन ने भी सावरकर को असाधारण लेखक कवि, महान क्रांतिकारी परम राष्ट्रभक्त समाज सुधारक बताते हुए अटल बिहारी वाजपेयी का एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें वे सावरकर की प्रशंसा करते नज़र आ रहे हैं. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सावरकर को श्रधांजलि दी है.

वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है जब सावरकर को लेकर इस तरह का विवाद सामने आया है. हाल ही में राजस्थान सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम से वीर सावरकर के पाठ को हटाने का फैसला किया था. लेकिन बीजेपी द्वारा विरोध दर्ज कराने पर सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा.

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