प्रियंका गांधी के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, वरुण गांधी इस प्रस्ताव को लेकर अचकचा गए और उन्होंने इसे नकार दिया. जब प्रियंका गांधी ने उनसे कारण पूछा, तो वरुण गांधी ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी से चुना गया हूं और अगर मैं ऐसा करता हूं, तो ये मेरा भागना माना जाएगा. मैं अगर कांग्रेस में जाकर मुख्यमंत्री पद स्वीकारता हूं, तो लोग मुझे अवसरवादी कहेंगे. इसके पहले वरुण गांधी पूरे उत्तर प्रदेश में लोगों के बीच खूब घूम रहे थे.

भारतीय जनता पार्टी में यह आम धारणा बन गई थी कि वरुण गांधी ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं. वरुण गांधी के समर्थन में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद, सुल्तानपुर और लखनऊ में पोस्टर लगाए. भारतीय जनता पार्टी में यह हवा तेजी से फैल गई कि वरुण गांधी ही मुख्यमंत्री होंगे. शायद भाजपा को ये स्थिति रास नहीं आई और एक दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरुण गांधी को अपने यहां बुलाया. मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यवहार में जमीन आसमान का फर्क था.

दोनों के बीच बातचीत हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरुण गांधी से स्पष्ट कहा कि उन्हें चुनाव तक उत्तर प्रदेश नहीं जाना है. वरुण गांधी ने इसका कारण पूछा. वरुण गांधी के एक दोस्त ने मुझे बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा, कारण कुछ नहीं है, बस आप उत्तर प्रदेश नहीं जाएंगे. ये बात वहीं खत्म हो गई और वरुण गांधी प्रधानमंत्री निवास से अपने घर आ गए. वे इस स्थिति पर विचार कर रहे थे और अपने मित्रों से बातचीत कर रहे थे कि उन्हें अब क्या करना चाहिए, क्योंकि प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश था कि वे उत्तर प्रदेश न जाएं.

एक दिन अचानक वरुण गांधी के पास भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह का संदेश आया कि उनसे तुरंत आकर मिलें. वरुण गांधी अमित शाह के घर उनसे मिलने गए. वरुण गांधी के एक मित्र के अनुसार, अमित शाह एक सिंगल सिटेड सोफे पर बैठे थे. उनके सामने एक टेबल रखी थी, जिसके ऊपर वे पैर रखकर बैठे हुए थे.

वरुण गांधी आए तो उन्होंने स्माइल दी और उन्हें बैठने के लिए कहा. वरुण गांधी बैठे नहीं, लेकिन उन्होंने अमित शाह से कहा कि अमित भाई, क्या आप मोदी जी के सामने भी इसी तरह बैठते हैं, जैसे अभी मेरे सामने बैठे हैं. शायद अमित शाह को ये थोड़ा खराब लगा. लेकिन उन्होंने टेबल से पैर हटा लिए और बात शुरू की. अमित शाह ने कहा कि आपको ये संदेश मिल गया होगा कि आपको उत्तर प्रदेश नहीं जाना है.

वरुण गांधी ने कहा कि बताइए तो, क्यों नहीं जाना है. अमित शाह ने कहा कि इसलिए नहीं जाना है क्योंकि आपके उत्तर प्रदेश में जाने से पार्टी को काफी नुक़सान होगा. वरुण ने पूछा कि कैसे नुक़सान होगा, तो अमित शाह ने कहा कि आपके खिलाफ कुछ लोगों के पास कुछ फोटोग्राफ्स हैं, जो मेरे पास भी हैं. मैं नहीं चाहता कि वे फोटोग्राफ्स मीडिया में आएं. अगर वे मीडिया में आएंगे, तो भारतीय जनता पार्टी की छवि और भविष्य के ऊपर बहुत असर पड़ेगा. वरुण गांधी सन्न रह गए और कहा कि क्या मैं वे फोटोग्राफ्स देख सकता हूं.

अमित शाह अंदर गए, एक लिफाफा लेकर आए और उसमें से उन्होंने फोटोग्राफ्स निकालकर सामने रखे, जिनमें वरुण गांधी जैसा दिखने वाला एक दुबला-पतला शख्स किसी एक लड़की के साथ किसी मुद्रा में था.

वरुण गांधी ने उन फोटोग्राफ्स को देखा और देखकर कहा कि अमित भाई इसका एक सेट मुझे आप दे सकते हैं, उन्होंने कहा कि क्यों. वरुण गांधी ने कहा कि मैं इसे अपनी पत्नी को दिखाना चाहता हूं, ताकि मेरी पत्नी ये देखे कि मैं दूसरी महिलाओं से भी मिल सकता हूं. इस पर अमित शाह हंसीनुमा मुस्कुराहट फेंकते हुए बोले, आप पत्नी को दिखाएंगे.

वरुण ने कहा कि हां, आप खुद इस फोटोग्राफ को देखिए अमित भाई. मेरा जो शरीर है और इसमें जो लड़का है, उसमें जमीन आसमान का फर्क है. दरअसल, ये फोटोग्राफ हथियारों के सौदे में शामिल कुछ लोगों ने या तो सीबीआई को या सीबीआई के किसी सूत्र को दिए थे. इसकी कहानी ये बनाई गई कि इन फोटोग्राफ्स की वजह से वरुण गांधी ने संसद की रक्षा समिति का सदस्य रहते हुए महत्वपूर्ण जानकारियां हथियारों के सौदागरों को दी है.

अमित शाह ने यह भी पूछा कि क्या आप अभिषेक वर्मा को जानते हैं. वरुण गांधी ने कहा कि हां, जब मैं पढ़ता था तो हम गरीब हुआ करते थे, होटल-रेस्टोरेंट में नहीं जा सकते थे, तब अभिषेक वर्मा तीन चार बार मिले थे और वे हम लोगों को अच्छा-अच्छा खाना खिलाते थे.

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