लोकसभा 2019 चुनावी संग्राम पूरी तरह से चौकीदार और चोर शब्द के इर्द गीर्द घूम रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ‘चौकीदार चोर है’ का नारा छेड़ा तो मोदी ने उसे ही राष्ट्र सुरक्षा के लिए अपना हथियार बना लिया। पूरी भाजपा ही ‘मैं भी चौकीदार’ हो गई। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। अब तो राहुल गांधी को माफी भी मांगनी पड़ी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांव ककरहिया में लगा पोस्टर चर्चा का केंद्र बना है।

ग्रामीणों ने गांव में जगह-जगह ‘यह चौकीदारों का गांव है, यहां चोरों का आना वर्जित’ लिखा पोस्टर चस्पा किया है। गांव में रहने वाले भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अक्टूबर 2017 को ककहरिया गांव गोद लिया था। उनके गांव गोद लेने से यहां की तस्वीर बदल गई। गांव में काफी विकास कार्य कराए गए। केंद्र सरकार के कई मंत्रियों का यहां आना-जाना लगा रहा।

इससे पहले जो भी सांसद व विधायक जीत कर आता था वह हमारे गांव को विकास को दरकिनार कर देता था, लेकिन मोदी ने गांव का कायाकल्प कर दिया। गांव में बिजली व पानी की व्यवस्था ठीक हुई है। लोगों को भरपूर बिजली व पानी मिलने लगा। प्रधानमंत्री को चोर कहकर संबोधित करने वालों ने पूरे देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। ऐसे लोगों का हमारे गांव में कदम नहीं पड़े इसलिए ऐसे पोस्टर लगाए हैं। गांवों के लोगों द्वारा किए जा रहे इस तरह के विरोध प्रदर्शन को लेकर तरह-तरह की चर्चा भी हो रही है।

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