varanasi, politics, election, political partiesइस चुनावी मौसम में बनारस सियासी अखाड़ा बना हुआ है. वाराणसी से जुड़ी हर पार्टी का हर नेता खुद को इस शहर से जोड़ने और इसका हमदर्द बताने के लिए जोर-आजमाइश में लगा हुआ है. किसी ने खुद को इस शहर का बेटा बताया, किसी ने सेवक तो किसी ने चौकीदार.
लेकिन इसकी बदनामी पर किसी के मुंह से विरोध के बोल नहीं फूटे. एक अमेरिकी चैनल ने बनारस की पहचान को मुर्दों के शहर से जोड़ दिया, लेकिन अपनी बदनामी पर आसमान सर पे उठा लेने वाले हमारे नेताओं में से किसी ने भी इस पर आपत्ति दर्ज नहीं कराई.
दरअसल, अमेरिकी समाचार चैनल सीएनएन ने 4 मार्च को अपने नए कार्यक्रम बिलिवर का टीजर अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किया, जिसमें उसने बनारस को मुर्दों का शहर लिखा. बनारस की धार्मिक पहचान को लेकर बनाए गए इस शो को 6 सीरिज में दिखाया जाना है, जिसे धार्मिक स्कॉलर और आध्यात्मिक जिज्ञासु रेजा असलान होस्ट करेंगे. यह शो रविवार रात 10 बजे से शुरू हो चुका है.

इसमें गंगा घाट पर अंतिम संस्कार को भी दिखाया गया है. लेकिन शो से पहले ही बनारस को लेकर किए गए इस पोस्ट से सीएनएन विवादों में आ गया. सीएनएन के इस ट्वीट के बाद कई भारतीय भड़क गए्. कई लोगों ने लिखा भी कि काशी मुर्दों का शहर नहीं बल्कि रोशनी का शहर है. कई लोगों ने यह भी लिखा कि बनारस की इस बदनामी के लिए चैनल और शो के होस्ट माफी मांगे. लेकिन उन बड़े नेताओं में से किसी ने भी कुछ नहीं बोला, जो इस चुनावी मौसम में खुद को बनारस की पहचान से जोड़ रहे हैं.

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