डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद पर जो नौटंकी रचाई थी, उसका अंत तो हो चुका है और उन्होंने यह भी मान लिया है कि 20 जनवरी को डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडन और कमलादेवी हैरिस राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति की शपथ ले सकेंगे। दूसरे शब्दों में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति की कुर्सी खाली कर देंगे।

अब दूसरा सवाल यह है कि वे राष्ट्रपति भवन (व्हाइट हाउस) भी खाली करेंगे या नहीं ? पिछले माह ऐसा माना जा रहा था कि वे व्हाइट हाउस में डटे रहेंगे और उन्हें वहां से निकालने के लिए फौज को बुलाना पड़ेगा लेकिन अब परसों की नौटंकी में वे इतनी बुरी तरह से पिट चुके हैं कि वे अब अपने आप भाग खड़े होंगे। पहली बात तो यह कि अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दोनों सदनों ने अपनी संयुक्त बैठक में बाइडन-हैरिस की जोड़ी पर मोहर लगा दी है।

यह संवैधानिक दस्तक है कि ट्रंपजी आप सिंहासन खाली करो। दूसरा, ट्रंप की अपनी पार्टी के सांसदों ने ट्रंप के विरोध में भाषण और वोट दिए हैं। तीसरा, ट्रंप और उनके समर्थकों ने कई उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं लगा रखी हैं लेकिन उनका सबका अंजाम अधर में ही लटका हुआ है।

चौथा, ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट के चुनाव में जाॅर्जिया प्रांत ने उल्टा लटका दिया है। दोनों सीटें डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जीत गए हैं। उनमें से एक अश्वेत है। पांचवाँ, सारी दुनिया में ट्रंप की इस नौटंकी पर थू-थू हो रही है। ट्रंप के नरेंद्र मोदी– जैसे घनिष्ट मित्रों ने संसद भवन पर हमले की निंदा की है।

ऐसे में अब ट्रंप 20 जनवरी के बाद भी अपने पद पर टिके रहने का दुस्साहस नहीं करेंगे। लेकिन कुछ सीनेटरों ने मांग की है कि ट्रंप को 20 जनवरी के पहले ही बर्खास्त किया जाए। यह अमेरिकी संविधान के 25 वे संसोधन के तहत संभव है। उसके चौथे अनुच्छेद के मुताबिक उप-राष्ट्रपति और आधे से ज्यादा मंत्री ऐसा प्रस्ताव पारित करें, तभी ट्रंप को हटाया जा सकता है। उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ट्रंप की पार्टी के हैं।

इसके अलावा शेष 7-8 दिन में ट्रंप क्या कर लेंगे ? कुछ लोगों को डर यह है कि परमाणु हथियारों का खटका राष्ट्रपति के हाथ में ही होता है। पता नहीं वे उसे कब और क्यों दबा डालें ? मैं समझता हूं कि ट्रंप चाहे जैसे भी चालू आदमी हों, वे इतनी बड़ी मूर्खता नहीं करेंगे। उन्हें शांतिपूर्वक विदा होने दें। आशिक का जनाज़ा है, जरा धूम से निकले।

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

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