एक तरफ राम भक्ति में लीन रानी कुंवरी गणेश और दूसरी तरफ श्रीकृष्ण के साधक उनके पति राजा मधुकर। प्रतिस्पर्धा का दौर शायद खत्म न होगा, अगर बीच में गुरु आकार ज्ञान न देते। कुंवरी की भक्ति और मधुकर की साधना दोनों ने खुद को साबित भी किया और दोनों को इस बात की तसल्ली भी मिली कि ईश्वर सर्वत्र व्याप्त है और उसको किसी भी रूप में याद किया जाए, वह अपने भक्तों को निराश नहीं करते।

संस्था रंग मोहल्ला ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स भोपाल द्वारा रानी कुंवरी गणेश नाटक का मंचन शनिवार शाम को ओरछा में किया जाएगा। निर्देशक प्रदीप अहिरवार ने इस महत्वाकांक्षी नाटक को साकार करने के लिए एक बड़ी टीम जुटाई है। जिसमें अदनान खान, कुलदीप, उदय निंबालकर, सुरभि भारती, वर्षा प्रजापति, दिव्या गौतम, पूजा सिंह, उदय निवलकर, सुनीता अहीर, विवेक त्रिपाठी समेत कई कलाकार शामिल हैं। प्रदीप के कुशल निर्देशन में समय को दर्शाने के लिए सेट डिजाइन, वेशभूषा और भाषा शैली पर विशेष कार्य किया गया है। मूलतः बुंदेलखंडी भाषा को उच्चारित करने के लिए भी कलाकारों ने खास मेहनत की है।

ये है कथा सार
रानी कुंवरी गणेश नामक इस नाटक की कथा करीब 400 साल पहले अकबर शासनकाल की है। ओरछा के तत्कालीन राजा राम मधुकर शाह कृष्ण भक्त थे। जबकि उनकी रानी कुंवरी गणेश भगवान राम की उपासक थीं। दोनों पति पत्नी के बीच अपनी आस्था और श्रद्धा को लेकर प्रतिस्पर्धा होती थी। जब इस बारे में मधुकर शाह के गुरु को पता चला तो उन्होंने भविष्य वाणी की की भगवान राम का कलयुग में प्रवेश होने वाला है। इसी धारणा के साथ ओरछा में राजा राम सरकार के मंदिर स्थापना की शुरुआत हुई। नाटक कुंवरी गणेश में उन्ही तथ्यों को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रशासन ने किए इंतजाम
शनिवार शाम को मंचित किए जाने वाले नाटक कुंवरी गणेश को साकार रूप देने में निवाड़ी विधायक अनिल जैन की महती भूमिका है। उनके साथ जिला भाजपा अध्यक्ष अखिलेश अयाची, उपाध्यक्ष पवन दुबे, कलेक्टर
और पुलिस अधीक्षक
का विशेष उत्साह और सहयोग है। शासन प्रशासन के सभी नुमाइंदों को सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निवाड़ी के वरिष्ट पत्रकार अजीत कटारे और उनके पत्रकार मित्रों ने निभाई है।

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