poorvaतमाम सियासी उठापटक से इतर देश में एक नया आंदोलन धीरे-धीरे सिर उठा रहा है. यह आंदोलन है, नए पूर्वांचल राज्य की मांग को लेकर. पूर्वांचल राज्य की मांग धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है और यह हिंसक स्वरूप भी लेने लगी है. अलग पूर्वांचल को लेकर आंदोलन करने वाले लोग सरकार से सीधे टकराव भी लेने लगे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी तक की सभाओं में खुलेआम पूर्वांचल प्रदेश की मांग उठने लगी है और उनकी सभाओं में पूर्वांचल की मांग से जुड़े बैनर-पोस्टर उछाले जाने लगे हैं. पिछले ही दिनों इस आंदोलन ने ऐसा स्वरूप लिया कि एक महिला ने ही बस फूंक डाली.

पूर्वांचल राज्य जन-आंदोलन से जुड़ी वंदना रघुवंशी ने कैंट स्थित रोडवेज बस अड्‌डे पर पहुंचकर प्लेटफॉर्म संख्या-4 पर खड़ी वाराणसी-लखनऊ की वॉल्वो बस में आग लगा दी. वंदना रघुवंशी ने कहा कि पिछले पांच साल से पूर्वांचल राज्य की मांग के लिए गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक को आमरण अनशन के बारे में पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी. लेकिन दोनों सरकारों ने कोई तवज्जो ही नहीं दी. लोकतांत्रिक नैतिकता के तहत सरकार को आंदोलनकारियों से बात तो करनी चाहिए थी! आंदोलन के सदस्य अनुज राही महीनेभर से अनशन पर बैठे थे और वंदना रघुवंशी का अनशन भी 22 दिन चल चुका था.

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार बनारस हो आए, लेकिन उन्होंने अनशनकारियों पर कोई ध्यान नहीं दिया. वंदना ने कहा कि बस में हुई आगजनी की घटना के लिए योगी सरकार जिम्मेदार है. सरकारें जनता की बात नहीं सुनेंगी, तो यही हाल होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मगहर आए थे तब भी उनकी सभा के बीच ही पूर्वांचल प्रदेश की मांग के बैनर-पोस्टर लहराए गए थे. पोस्टरों पर लिखा था, ‘भीख नहीं अधिकार चाहिए. हमें पूर्वांचल राज्य चाहिए.’ मोदी जब जनसभा को संबोधित कर रहे थे, उसी समय कुछ लोग पूर्वांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. मंच पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.

सब जानते हैं कि पिछले लंबे अर्से से पूर्वांचल प्रदेश बनाने की मांग उठ रही है. भाजपा समेत तमाम सियासी दल प्रदेश के बंटवारे की राजनीति करते रहे हैं. केवल समाजवादी पार्टी प्रदेश के विभाजन के खिलाफ रही है. बसपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने तो उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा था.

मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ भी कई बार पूर्वांचल राज्य की वकालत करते रहे हैं. वे गोरखपुर को पूर्वांचल की राजधानी बनाने की मांग करते रहे हैं. कांग्रेस नेता कल्पनाथ राय हमेशा पूर्वांचल के विकास के लिए पूर्वांचल राज्य की मांग करते रहे थे. कल्पनाथ राय अलग पूर्वांचल राज्य बनाने और काशी को उसकी राजधानी बनाने की मांग करते थे.

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