छतरपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस की वीडिया कांफ्रेसिंग के तहत समीक्षा की उस दौरान उन्होंने एक मौखिक आदेश देकर छतरपुर सीएमएचओ विजय पथौरिया को हटाने के आदेश दिए थे। परंतु मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में जिस सेंपलिंग की लापरवाही में पथौरिया को दोषी मानते हुए हटाने का आदेश दिया था उससे विजय पथौरिया का संबंध दूर दूर तक नहीं है। जिला चिकित्सालय में कोरोना पेसेंटों की सेंपलिंग का काम किया जा रहा है जिसमें कलेक्टर के द्वारा दो लैब टेक्रिशियन को निलंबित भी किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में जो सेंपलिंग का कार्य किया जा रहा था उसमें लेब टेक्रिशियन द्वारा सेंपल लेने में गड़बडिय़ां की गई हैं। इसमें एक डाक्टर को शोकाज नोटिस भी जारी किया गया है। वास्तविकता इसमें जिले निलंबित किया जाना चाहिए वह अभी प्रशासन के कोसों दूर है। विजय पथौरिया का इससे कोई वास्ता नहीं था। मुख्यमंत्री ने जो आदेश दिया उसमें सुधार हो जाएगा। फिलहाल विजय पथौरिया को यथावत सीएमएचओ बनाए रखा जाएगा। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी से दूरभाष पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि अभी किसी भी सीएमएचओ हटाया नहीं गया है और न ही मुख्यमंत्री के यहां से ऐसा कोई आदेश हमारे पास आया है। आज छतरपुर में पत्रकारों के बीच विजय पथौरिया के हटाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बहस चलती रह और पत्रकारिता को आइना दिखाने और पत्रकारिता की छवि धूमिल करने वाले जैसे बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे। आज संभवत: इस सवालिया निशान पर विराम लग जाएगा।

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