वह साजिश तो नहीं कर रहा
किसी की अच्छी राह में रोड़ा
बनने की

किसी को तंग तो नहीं कर रहा
झूठ बोलकर
कुटिल चालें कर कर
शरारती आँख मारकर
और अभिमान दिखाकर

गलत तरीकों से
ऊंची जगह पर पहुंचने के लिए
गर्दन ऊंची तो नहीं कर रहा

चीख तो नहीं रहा
चिल्ला तो नह़ी रहा

गिरा उठा तो नहीं रहा किसी को
राजनीति तो नहीं कर रहा

वह जो है वही कर रहा है
जो नहीं है वैसा होने के लिए
उछल कूद तो नहीं कर रहा

वह अपने स्वभाव से सांप है
आदमी की तरह
सांप की नकल करके
फन तो नहीं तान रहा

ब्रज श्रीवास्तव

Adv from Sponsors