पुलिस अधिकारियों के प्रयास के बाद भी बिहार में जीटी रोड राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-2 पर ओवरलोेडेड गाड़ियों को पार कराने का धंधा नहीं रुक रहा है. इससे बिहार सरकार को लाखों रुपए रोज राजस्व की क्षति हो रही है. हाल में बिहार पुलिस के अधिकारियों ने जीटी रोड पर माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन बाद में उनका ही तबादला करा दिया गया या फिर राजनीतिक दबाव डालकर चुप करा दिया गया.

पटना प्रक्षेत्र के आईजी नैयर हसनैन खान को जब जीटी रोड पर इंट्री मफिया और पुलिस की मिलीभगत द्वारा प्रतिदिन हजारों ओवरलोडेड वाहन पार कराने की जानकारी मिली, तब उन्होंने कमान खुद संभाल ली. आईजी खान ने गया जिले में एक सप्ताह में करीब एक हजार ओवरलोडेड वाहनों को जब्त कर लिया. इन ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ गया, औरंगाबाद व रोहतास जिले के जीटी रोड स्थित थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई और करीब सौ लोगों को जेल भेज दिया गया.

आईजी ने इंट्री माफिया से संलिप्तता के आरोप में गया जिले के डोभी, बाराचट्‌टी, शेरघाटी, आमस, औरंगाबाद जिले के मदनपुर, मुफ्फसिल, बारुण के एसएचओ को निलंबित कर दिया. इस कार्रवाई से राज्य के पुलिस महकमे समेत सभी सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया. डोभी-मोहनियां स्थित समेकित जांच चौकी पर वाणिज्य कर, वन विभाग, खनन विभाग के पदाधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है.

इनका काम ओवरलोडेड वाहनों व बिना उचित परमिट व कागजात के किसी भी तरह की सामग्री कोे लाने-ले जाने पर रोक लगाने और टैक्स वसूलना है. आईजी नैयर हसनैन खान ने जिन वाहनों को पकड़ा, उन पर अवैध बालू, कोयला, पत्थर एवं अन्य सामान लोडेड था. जब्त वाहन बगैर सरकारी राजस्व का भुगतान किए तथा तय से अधिक वजन के साथ जीटी रोड से गंतव्य की ओर जा रहे थे.

पुलिस सूत्रों से पता चला कि सभी निलंबित एसएचओ को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था. तय समय सीमा में स्पष्टीकरण नहीं देने पर आईजी ने जीटी रोड के थाने का प्रभार दोबारा नहीं देने का आदेश सभी जिले के पुलिस कप्तान को दिया है. इससे पूर्व 2015 में भी मगध प्रक्षेत्र के तत्कालीन डीआईजी शालीन ने जीटी रोड पर इंट्री माफिया के खिलाफ मुहिम चलाई थी.

लेकिन कुछ दिनों बाद ही डीआईजी शालीन का स्थानांतरण हो गया. चर्चा थी कि इंट्री माफिया के राजनीतिक संरक्षकों ने डीआईजी का तबादला कराया था. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामप्रमोद सिंह ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में आवेदन भी दिया था. इसमें जीटी रोड पर प्रतिदिन तीन करोड़ रुपए राजस्व हानि के अलावा इंट्री माफिया व पुलिस की मिलीभगत की जानकारी दी गई थी.

गया जिले में जीटी रोड स्थित डोभी चेक पोस्ट पर इंट्री माफिया की पकड़ मजबूत है. यहां लगे सभी 24 सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं. नये लगे 30 कैमरे भी अभी काम नहीं कर रहे हैं. चेक पोस्ट पर वाहनों की जांच के लिए प्रतिदिन दो पाली में मजिस्ट्रेट की तैनाती का निर्णय लिया गया था, लेकिन इस पर भी कोई अमल नहीं हुआ. इसके अलावा परिवहन पदाधिकारियों द्वारा विभिन्न मार्गों पर रोजाना चेकिंग की बात हुई थी, लेकिन ये अधिकारी चेकपोस्ट पर ही तैनात रहते हैं. सच्चाई यह है कि स्थानीय राजनीतिज्ञों का भी इन माफिया को समर्थन हासिल है.

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