भोपाल। राजधानी की सड़कों की बदहाली को लेकर मुख्यमंत्री तक नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। असर ये हुआ कि आनन फानन में शहर की चुनिंदा सड़कों पर पैबंद लगना शुरू भी हो गए हैं। ऐसे में नए शहर और पुराने भोपाल में भेदभाव का नजारा भी बरकरार है। लॉक डाउन की लंबी मंदी झेल चुके व्यापारियों को सड़कों की दुर्दशा ने हलाकान करना शुरू किया तो उन्होंने सरकार और निर्माण एजेंसियों की तरफ नजर उठाकर इंतजार किए बिना खुद ही पैसा जमा कर अपने बाजार की सड़क तैयार करवा ली।

मामला पुराने भोपाल के अति व्यस्त चौक बाजार का है। यहां के एक हिस्से नदीम रोड के व्यापारियों को लॉक डाउन की पाबंदियां हटने के बाद कारोबार की उम्मीदें जागी थीं। लेकिन पूरी तरह जर्जर हो चुकीं सड़कों और इन पर उभर आए गहरे गड्ढों ने यहां तक आने वाले ग्राहकों के रास्ते रोक दिए। सारा दिन ग्राहकों का इंतजार करते दुकानदारों को हर शाम निराशा के साथ घर लौटने की मजबूरी बन गई।

फिर हुआ ये फैसला
खराब सड़कों की वजह से बाजार से ग्राहकों की दूरी की दास्तान नगर निगम से लेकर कलेक्टर तक पहुंचाई गई। लेकिन नतीजा शून्य रहा। आखिरकार दुकानदारों ने आपस में पैसा जमा कर अपने खर्च पर पूरे बाजार की सड़क तैयार करवा दी।

तब और अब
जहां पूरे नदीम रोड क्षेत्र में गहरे गड्ढे, पानी की छोटे तालाब, राहगीरों के लिए पैदल चलना या वाहन से गुजरना मुश्किल हो रहा था। गंदे पानी से लबरेज गड्ढों ने मच्छरों की तादाद बढ़ा दी थी। ग्राहकों के आने के रास्ते रोक दिए थे। वहीं अब चमचमाती सड़क नजर आने लगी है। ग्राहकों की आवाजाही आसान हो गई है।

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