सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक्टिविस्ट-वकील प्रशांत भूषण पर आपराधिक अवमानना ​​मामले में सजा के तौर पर 1 रुपया  का टोकन जुर्माना लगाया।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि भूषण को 15 सितंबर तक 1 रुपया जमा करना होगा।

यदि वो  ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें 3 महीने के लिए अभ्यास से छूट के अलावा 3 महीने के लिए जेल जाना होगा।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने भी कहा कि सजा सुनाए जाने का आदेश दिए गए हालात में जरूरी है।

अदालत ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की दलीलों से सहमति व्यक्त की कि वकील के रूप में उनके योगदान को देखते हुए भूषण के लिए कड़ी सजा या जेल की अवधि की आवश्यकता नहीं है।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि भूषण ने बार-बार के अवसरों के बावजूद माफी नहीं मांगी या खेद व्यक्त नहीं किया।

इसने उन्हें अवमानना ​​की कार्यवाही के बारे में प्रेस में बयान देने के लिए खींचा और अदालत द्वारा विचार किए जाने से पहले ही अपने बयानों को लीक कर दिया।

14 अगस्त को पीठ ने भूषण को आपराधिक अवमानना ​​का दोषी ठहराया था।

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