दिल्ली में चल रही सीलिंग को लेकर एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी भाजपा पर आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा नेता इसके लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस मुद्दे पर कई भाजपा नेता मंगलवार सुबह अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचे, लेकिन वहां इस मुद्दे पर बातचीत की जगह दूसरा ही विवाद शुरू हो गया. आप कार्यकर्ताओं पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता केजरीवाल के घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं. धरने पर बैठे नेताओं में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, सांसद रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा और विधायकों समेत दो मेयर भी शामिल हैं.

इधर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि एमसीडी की सीलिंग की वजह से लोगों की रोजी रोटी चली गई और काम बंद हो गए, ये दुःख की बात है. हम विधि विशेषज्ञों के संपर्क में हैं और सीलिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. भाजपा नेताओं की नाराजगी के मुद्दे पर केजरीवाल ने कहा कि कल जब भाजपा की चिट्ठी आई कि वे सीलिंग के मुद्दे पर मुझसे मिलना चाहते हैं, तो मुझे ख़ुशी हुई कि हम सब सामने मिल बैठ कर समाधान निकाल लेंगे. लेकिन वे बंद कमरे में बैठ कर बात करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल और केंद्र सरकार चाहें तो यह विवाद सुलझ सकता है. केंद्र को इसपर अध्यादेश लाना चाहिए.

गौरतलब है कि शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में 2006 में दिल्ली में सीलिंग शुरू हुई थी. इसके अनुसार, मास्टर प्लान-2021 के लिए रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने का प्रावधान है. सीलिंग में कन्वर्जन का भी प्रस्ताव है, जिसके तहत व्यावसायिक जगहों के लिए कन्वर्जन फीस जमा करा कर उसका लैंड यूज बदलवाया जा सकता है. इसे लेकर कारोबारी विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि पहले से जमी हुई उनकी दुकानें खत्म की जा रही है.

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