देश में नौकरियों की कमी को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि नौकरियों की कोई कमी नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि नौकरियों के आंकड़ों की कमी ने विपक्ष को अपनी पसंद की तस्वीरें पेंट करने और उनकी सरकार को दोष देने का अवसर दे दिया है. प्रधानमंत्री ने स्वराज्य मैगजीन को दिए गए अपने साक्षात्कार में ये बातें की है. राजमार्गों, रेलवे, एयरलाइंस और आवास जैसे सेक्टर में हुए विकास को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं.

प्रधानमंत्री ने ईपीएफओ डाटा का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले साल संगठित क्षेत्र में 70 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं. उन्होंने यह भी कहा कि असंगठित क्षेत्र में पैदा की गई नौकरियां देश में सभी नौकरियों का 80 प्रतिशत हैं. एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि भारत में गरीबी कम हुई है. कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में पैदा हुई नौकरियों के आंकड़ों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि अगर राज्यों में नौकरियां पैदा हो रही हों, तो फिर केंद्र में कैसे बेरोजगारी बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि पिछली कर्नाटक सरकार में 53 लाख नौकरियां पैदा हुईं, जबकि पश्चिम बंगाल में भी 68 लाख नौकरियां पैदा हुईं.

पत्रिका में छपे साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कई मुद्दों पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी.चिदंबरम समेत कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि अर्थशास्त्री पीएम और सब कुछ जानने वाले वित्त मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को बेहद ही खराब कर दिया था, कुछ क्षेत्रों की हालत तो एकदम दयनीय हो गई थी, लेकिन हमारी सरकार ने देश को खराब स्थिति से उबारकर अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना दिया है. उन्होंने कहा कि मुद्दों को छुपाने की जगह हम भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार, मजबूती और बदलाव लाना चाहते हैं, जिसकी तरफ हम अग्रसर हैं.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here